लखनऊ : बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा कोरोना वायरस के भय पर भारी पड़ा बीएड अभ्यर्थियों का हौसला
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए 82.67 फीसद सहारनपुर में दो परीक्षार्थियों के खिलाफ रिपोर्ट
परीक्षा केंद्रों पर शारीरिक दूरी के मानकों की खुलकर उड़ीं धज्जियां
लखनऊ, जेएनएन।कोरोना संक्रमणकाल के बावजूद बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में परीक्षार्थियों का जबरदस्त जोश देखने को मिला। प्रदेश स्तर की बड़ी परीक्षाओं में से एक इस परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति 82.67 फीसद रही। कुल 3,57064 परीक्षार्थियों की उपस्थिति रही। हालांकि, परीक्षा केंद्रों पर शारीरिक दूरी के मानकों की खुलकर धज्जियां उड़ीं। परीक्षा के दौरान शारीरिक दूरी के मानक का कड़ाई से पालन कराए जाने को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन ने बड़े-बड़े दावे किए थे। लेकिन ये दावे बेमानी साबित हुए।कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश में यह पहली परीक्षा थी जिसमें इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार 431904 अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया था, जिसमें 17.33 फीसद गैरहाजिर रहे। परीक्षा 1089 केंद्रों पर संपन्न हुईं। थर्मल स्कैनिंग के बाद अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। जिनका तापमान मानक अधिक से पाया गया, उन्हें अलग बैठाकर परीक्षा कराई गई। ऐसे परीक्षार्थियों के कोरोना टेस्ट भी कराए गए। हालांकि, राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में सीटिंग प्लान में ही शारीरिक दूरी के मानकों की उपेक्षा देखने को मिली।सहारनपुर में कॉपी बदलने पर दो परीक्षार्थियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। अन्य केंद्रों पर स्थिति सामान्य रही। अलीगढ़ में परीक्षा के नोडल अधिकारी एडीएम सिटी राकेश मालपाणि ने बताया कि करीब 50 अभ्यॢथयों का तापमान बढ़ा मिला जिनका कोरोना टेस्ट कराया गया सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई।बता दें कि बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए राजधानी लखनऊ में 82 केंद्र बनाए गए थे। इस परीक्षा में करीब 30500 अभ्यर्थी शामिल होने थे। सुबह 9 बजे से शुरू होने वाली पहली पाली की परीक्षा में शामिल होने के लिए सात बजे से ही केंद्रों पर गहमागहमी शुरू हो गई थी। केंद्र पर सेटिंग प्लान देखने के दौरान ही केंद्रों पर उमड़ी भीड़ ने शारीरिक दूरी के मानक की खुलकर धज्जियां उड़ाई। इस दौरान केंद्रों पर मौजूद रहे पुलिकर्मी /व्यवस्थापक भी असहाय दिखे।
पेन पेंसिल की तरह हाथ में था सैनिटाइजर
कोरोना काल में बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों के लिए पेन-पेंसिल और रबड़ की ही तरह सैनिटाइजर और मास्क भी आवश्यक सामग्री बन गया। बिना मास्क और सैनिटाइजर के किसी भी अभ्यर्थी को केंद्र के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। डीएवी इंटर कॉलेज के बाहर खड़े अधिकतर अभ्यर्थी 10-15 मिंट के अंतराल में हाथों को सैनिटाइज कर रहे थें। कुछ बालिकाएं हाथ सैनिटाइज करने के बाद दस्ताने पहनकर केंद्र के अंदर जा रहीं थी। सभी मास्क लगाए हुए थीं। यही हाल राजेंद्र नगर स्थित नवयुग कन्या महाविद्यालय का था। कॉलेज में अभ्यर्थियों के प्रवेश के दौरान उनका प्रॉपर ट्रेम्प्रेचर चेक किया जा रहा था। प्रवेश द्वार पर ही बनी डेस्क पर सैनिटाइजर और मास्क रखे थे। अधिकतर अभ्यर्थी मास्क लगा कर ही केंद्र पर पहुंचे। कुछ एक जो नहीं लगाए थें उन्हें मास्क दिए गए। अभ्यर्थी पेन पेंसिल की तरह ही सैनिटाइजर को हाथ मे लिए थे। कई बालिकाएं तो फेस सील्ड लगाकर केंद्र पर पहुंची। बस्ती निवासी अभ्यर्थी अभिषेक और शिवा ने बताया कि सैनिटाइजर और मास्क तो पेन-पेंसिल की तरह कोराना काल मे आवश्यक सामग्री बन गया।राजाजीपुरम स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीएड की परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों के लिए शारीरिक दूरी के लिए गोले बनाए गए। साथ ही उनको थर्मल स्कैनिंग और सेनिटाइज करने के बाद ही प्रवेश दिया गया। मेहंदीगंज स्थित जगन्नाथ प्रसाद साहू इंटर कॉलेज में परीक्षार्थियों को थर्मल स्कैनिंग और सेनिटाइज करने में बाद प्रवेश दिया गया। जो परीक्षार्थी मास्क नहीं लगाकर आए थे, उन्हें मास्क भी वितरित किए गए। सीतापुर मिश्रिख से विकलांग गौरव को उनके रिश्तेदार गोदी में उठाकर परीक्षा दिलाने लाए।
अलीगंज में सबसे बड़ा सेंटर
सुभाष चंद्र बोस इंटर कालेज में बनाया गया। जहां सुबह करीब सात बजे से अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगने लगा था। पुलिस तैनात रही मगर शारीरिक दूरी के मानकों का पालन नहीं करवाया गया। यहां लगभग 800 विद्यार्थियों की परीक्षा हुई। सभी की अंदर जाने से पहले थर्मल स्कैनिंग कराई गई। पर मन स्कैनिंग और प्रवेश पत्र चेक करने के दौरान महाविद्यालय के कर्मी भी कोरोना से बचाव के लिए फेस मास्क/ शील्ड लगाए दिखे थे।
गोमती नगर के विनय खंड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के बाहर शारीरिक दूरी की खुलकर धज्जियां उड़ी। परीक्षा केंद्र में करीब 500 अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा की व्यवस्था थी। सुबह की पाली में जब अभ्यर्थियों को विद्यालय में प्रवेश दिया जा रहा था उस समय विद्यालय प्रशासन के पास एक थर्मल स्कैनर था इसके कारण अभ्यर्थियों को विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए करीब 50 मिनट तक लाइनों में खड़ा रहना पड़ा। विद्यालय प्रशासन ने बताया प्रत्येक कक्षा में हर सीट पर 2 अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था थी।
प्रदेश में केंद्रों की संख्या : 1089
परीक्षार्थियों की संख्या : 431904
प्रदेश भर में बनाए गए कुल नोडल केंद्र : 14
उपनोडल केंद्र : 04
पुलिस ने अभ्यर्थी की केंद्र पर पहुंचने में मदद की
डीएवी इंटर कॉलेज केंद्र की अभ्यर्थी गलती से दीपाली डिग्री कॉलेज पहुंच गई थी। यंहा पहुंचकर उसे जानकारी हुई कि उसका डिग्री कॉलेज केंद्र में है। इस पर सिपाही प्रमोद कुमार यादव, अभिषेक कुमार यादव से उसे अपनी बाइक से आनन फानन इंटर कॉलेज केंद्र पर पहुंचाया।