लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड नहीं करवाएगा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन
कार्यभार ग्रहण करने में लगने वाले समय के कारण चयन बोर्ड केवल नियुक्ति पत्र जारी करेगा डीआईओएस करवाएंगे सत्यापन
विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय अब माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर सीधे स्कूलों में भेजेगा। उसे अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं करवाना होगा।सत्यापन अब जिला विद्यालय निरीक्षक करवाएंगे। अभी तक चयन बोर्ड सत्यापन के नाम पर अनावश्यक रूप से विलम्ब करता है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है। चयन बोर्ड चयनित सहायक अध्यापक, प्रवक्ता व प्रधानाचार्य के जनपदवार व स्कूलवार नियुक्ति में प्रमाणपत्रों के सत्यापन के आधार पर बहुत ज्यादा देर लगाते हैं। इसके चलते स्कूलों के शिक्षक समय पर कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाते।वहीं सत्यापन के नाम पर मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न की भी शिकायतें आती हैं। आदेश में साफ किया गया है कि चयन बोर्ड नियुक्तपत्र देकर जिलों व स्कूलों में योगदान देने के लिए शिक्षकों को तत्काल भेजा जाएगा।शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने के बाद उनके प्रमाणपत्रों के सत्यापन का जिम्मा जिला विद्यालय निरीक्षक का होगा।सत्यापन केवल पंजीकृत डाक से ही किया जाएगा। अन्य किसी तरीके से सत्यापन स्वीकार नहीं होगा। वहीं सत्यापन के बाद ही वेतन जारी करने के निर्देश भी हैं। इसके अलावा अभ्यर्थी से हलफनामा भी भरवाया जाएगा कि उसके प्रमाणपत्र फर्जी होने की दशा में उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। चयन बोर्ड को शासन को भेजनी होगी सूचीअब माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को चयनित अभ्यर्थियों की सूची शासन को भी भेजनी होगी। अभी तक चयन बोर्ड केवल जिला विद्यालय निरीक्षक व मंडलीय सहायक निदेशक को ही सूची भेजता है। अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि यह सूची अब निदेशक व शासन को भी भेजी जाएगी ताकि इसकी मॉनिटरिंग की जा सके और अभ्यर्थियों को समयबद्ध तरीके से नियुक्ति मिले। मॉनिटरिंग न होने के कारण चयनित अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण करने में साल भर तक का समय लग जाता है।