गोरखपुर : अब हर दो हफ्ते में छात्रों का होगा टेस्ट, कमचोर बच्चों को ऐसे बढ़ाया जाएगा आगे
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लक्ष्य से बेसिक शिक्षा निदेशालय ने अनूठी पहल की है। जिसके तहत अब प्रत्येक दो सप्ताह में बच्चों का यूनिट एसेसमेंट टेस्ट के माध्यम से मूल्यांकन किया जाएगा। पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर रिमीडीअल कक्षाएं चलाई जाएंगी।वहीं मध्यम और तेज बच्चों को और बेहतर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। हर शिक्षक को अनिवार्य रूप से शिक्षक डायरी बनाए बनानी होगी। जिसमें उन्हें साप्ताहिक प्रगति और अगले हफ्ते की कार्ययोजना तैयार करनी होगी। इसका आदेश गोरखपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में पहुंच गया है। आदेश के मुताबिक डायरी को अपडेट रखने के काम की निगरानी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन और स्टेट रिसोर्स ग्रुप द्वारा की जाएगी। किसी भी स्कूल में प्रॉक्सी टीचर मिलने, फर्जी शिक्षक कार्यरत रहने या किसी शिक्षक के बिना बताए लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर संबंधित प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।शिक्षक का निलंबन करने पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई एक महीने के अंदर पूर्ण करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर खंड शिक्षा अधिकारी और प्रधानाध्यापक की जवाबदेही तय की जाएगी। जिला प्रशासन, बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर किसी भी तरह की परीक्षा का आयोजन नहीं करा सकेंगे।
*नेतागीरी पर लगेगी लगाम*
विद्यालय की अवधि में शिक्षक किसी राजनीतिक या अन्य गतिविधि में शामिल नहीं हो सकेंगे। अति आवश्यक होने पर पहले सक्षम स्तर से अनुमति लेनी होगी। विद्यालय अवधि में रैली, प्रभातफेरी, मानव शृंखला, नवाचार, गोष्ठी का आयोजन नहीं किया जाएगा। शिक्षक स्कूल की अवधि में अपने अवकाश स्वीकृत कराने या अन्य किसी कार्य से खंड शिक्षा अधिकारी या बीएसए दफ्तर भी नहीं जा सकेंगे।
*हर महीने प्रधानाध्यापकों की बैठक*
हर महीने के चौथे शनिवार को विकास खंड स्तर पर प्रधानाध्यापकों की बैठक होगी। इसमें मिशन प्रेरणा, कायाकल्प, मिड डे मील योजना, निशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण और यूनिफॉर्म वितरण की समीक्षा की जाएगी। सप्ताह में एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में शिक्षकों की बैठक भी होगी। शिक्षकों के सभी प्रकार के प्रशिक्षण ऑनलाइन ही किए जाएंगे।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि शासन की ओर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दो सप्ताह में बच्चों को टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया है। बच्चों के सीखने की क्षमता के आधार पर उनके समझने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर काम होगा। आदेश के बारे में सभी खंड शिक्षाअधिकारियों के मार्फत प्रधानाध्यापकों को जानकारी दी जा रही है।