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लखनऊ : प्रदेश के तीन शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, सूची जारी

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लखनऊ : प्रदेश के तीन शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, सूची जारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को प्रदेश के तीन शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षकों की सूची जारी की है। उत्तर प्रदेश से मुजफ्फरनगर स्थित एसडी इंटर कॉलेज मीरापुर भोमा के प्रधानाचार्य विकास कुमार को पुरस्कृत किया जाएगा वहीं मैनपुरी सुल्तानगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय राजवाना के वरिष्ठ अध्यापक मोहम्मद इशरत अली और उन्नाव नवाबगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय सोहरामऊ के वरिष्ठ अध्यापक स्नेहिल पांडेय को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित होने पर तीनों शिक्षकों की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

मैनपुर में पहली बार शुरू कराई प्रोजेक्टर पर पढ़ाई

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित मैनपुरी के वरिष्ठ अध्यापक इशरत अली का कहना है कि स्कूली शिक्षा में सूचना संप्रेषण तकनीक (आईसीटी) को बढ़ावा देने से ही बच्चे स्कूलों में ही आत्मनिर्भर बन सकेंगे।2010 में सहायक अध्यापक बने इशरत अली को भी स्कूल में आईसीटी के उपयोग के लिए ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।इशरत अली ने बताया कि उन्होंने अपने विद्यालय में शुरुआत से ही अभिनव तकनीक का उपयोग किया। आईसीटी का उपयोग कर मैनपुरी में पहली बार प्रोजेक्टर पर स्मार्ट क्लास शुरू की। इसके लिए 2015 में उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार भी दिया गया। 2017, 2018 और 2019 में लगातार राज्य स्तरीय आईसीटी पुरस्कार मिला। उन्होंने कहा कि बच्चों को सामान्य तरीके से पढ़ाने की जगह स्मार्ट क्लास और प्रोजेक्टर के जरिए पढ़ाने पर बच्चे जल्दी समझते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने पर ही बच्चे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

हर साल अपने वेतन से एक बच्ची को देती हैं साइकिल

उन्नाव की स्नेहिल पांडेय का कहना है कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ इसे प्रभावी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए ही उन्हें पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।स्नेहिल पांडेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान स्कूल बंद होने पर उन्होंने अपने स्कूल के पूर्व विद्यार्थियों के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेज का संचालन किया है।उन्होंने बताया कि वे हर वर्ष अपने वेतन से एक बालिका को साइकिल देती हैं। उन्होंने बताया कि वे बालिका शिक्षा के प्रति जागृति पैदा करने के लिए अभिभावकों को एकत्रित कर नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, साक्षरता रैली आदि करती गतिविधियों का आयोजन करती है।इससे उनके अंग्रेजी माध्यम स्कूल में 266 नामांकन हुए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें 2015 और 2020 में उनके विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार मिला है। वे बच्चों को कविता के रूप में पढ़ाती हैं, जिससे वे लयबद्ध तरीके से समझ पाते हैं इसलिए उन्हें काव्य गायन पुरस्कार भी मिला।

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