गोरखपुर : नगर विधायक ने विधानसभा में उठाया फीस माफी का मुद्दा, कहा- निम्नस्तरीय है ऑनलाइन पढ़ाई
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने कोरोना संकट के दौर में अभिभावकों के हक में शुक्रवार को विधानसभा में आवाज बुलंद की। उन्होंने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी से एक बार फिर स्कूल की फीस माफ करने या कम करने पर विचार करने की मांग की है।विधायक ने कहा कि कोरोना संकट में प्रदेश के सभी विद्यालय पूरी तरह से बंद हैं। इस दौरान नागरिकों की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है। अधिकतर गरीब तथा मध्यवर्गीय परिवारों का जीवन आर्थिक रूप से परेशान करने वाला हो गया है। बहुत से परिवारों का घरेलू खर्च तक नहीं चल पा रहा है। ऐसे में अभिभावकों की इच्छा थी कि अगर विद्यालय बंद है तो सरकार विद्यालयों को फीस-माफी के लिए निर्देशित करे। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से निर्देश भी दिए गए कि कोई भी विद्यालय फीस जमा करने के लिए दबाव नहीं बनाएगा। वार्षिक फीस, लाइब्रेरी, बिल्डिंग, खेलकूद, परिवहन फीस तो बिल्कुल ही न ली जाए। सिर्फ शिक्षण शुल्क ही लिया जाए। मगर स्कूल प्रबंधन मैसेज करके अभिभावकों को धमकाकर तीन महीने की 12-16 हजार फीस एक साथ वसूलने के साथ ही दस हजार तक की वार्षिक फीस भी वसूल लिए हैं। यहां तक कि अभिवावकों को स्कूल बुलाकर जबरन महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया गया।
निम्नस्तरीय है ऑनलाइन पढ़ाई
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि स्कूलों में शुरू कराई गई ऑनलाइन शिक्षा अनियोजित तथा निम्नस्तरीय है। आज विद्यालय खोलना सबसे लाभ का व्यवसाय माना जाता है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि सिर्फ 25 प्रतिशत फीस से विद्यालय अपने शिक्षकों को वेतन दे सकते हैं।