लखनऊ : यूपी में कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर अखिलेश यादव बोले, सरकारी कर्मचारियों को चार दिन ही कार्यालय बुलाया जाए
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ | Published By: Deep Pandey
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है। इस वजह से सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सप्ताह में चार दिन ही उन्हें कार्यालय में बुलाना चाहिए।
अखिलेश ने कहा कि कोरोना के हल्के लक्षण के मरीजों को घर पर ही क्वारंटीन होने देने की अनुमति देनी चाहिए जिससे अस्पतालों में गम्भीर मरीजों के लिए बेड कम न पड़े और इलाज में भी दिक्कत न हो।
अखिलेश यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि अस्पतालों में कोरोना के नाम पर इन दिनों गम्भीर मरीजों को भी काफी परेशान किया जाता है। बाराबंकी के जिला महिला अस्पताल के मैटर्निटी वार्ड में कोविड ओटी, कोविड वार्ड, कोविड प्रसवकक्ष सब में सीलन और दूसरी निर्माण सम्बंधी खामियां मिली जबकि 100 बेड के इस अस्पताल के निर्माण पर 20 करोड़ रूपए खर्च हुए हैं।
लखनऊ के नामी किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी मरीजों को व्यर्थ घंटों इंतजार कराने और इलाज में लापरवाही की शिकायतें आम है। सीतापुर के अयोध्या के पैर में फ्रैक्चर था पर कोरोना जांच के नाम पर उसका घंटो इलाज नहीं हुआ। रायबरेली के सुमित को 19 घंटे इलाज के लिए तड़पना पड़ा।
कोरोना संकट तो है ही पर अस्पतालों में इसकी वजह से अन्य गम्भीर मरीजों का इलाज न हो यह उचित नहीं। स्वास्थ्य विभाग को इस सम्बंध में मरीजों के लिए सुविधाजनक व्यवस्थाएं करनी चाहिए। गम्भीर मरीजों के प्रति भी सरकार की संवेदना रहनी चाहिए।
प्रदेश में जो स्वास्थ्य सेवाएं हैं वे समाजवादी सरकार की ही व्यवस्था है। भाजपाराज में एक नया मेडिकल काॅलेज नहीं बना। अस्पतालों में डाक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी है। समाजवादी सरकार में मुफ्त इलाज की व्यवस्था गम्भीर रोगों किडनी, दिल, लीवर और कैंसर की भी थी लखनऊ में कैंसर अस्पताल भी तभी बना। प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें दुगनी की गईं। मरीजों को अस्पताल लाने के लिए 108 समाजवादी एम्बूलेंस सेवा शुरू की गई थी। गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए 102 नम्बर सेवा शुरू की गई थी। इन सब सेवाओं को भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया। जनता की परेशानी से सरकार का कुछ लेना देना नहीं। भाजपा अमानवीय एवं संवेदनहीन व्यवहार कर रही है।