लखनऊ : नई शिक्षा नीति से बच्चों को मिलेगी तनावमुक्त शिक्षा, खुलेंगे रास्ते
लविवि के ऑनलाइन व्याख्यान में बोले राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी , विश्वविद्यालय को दी 50 लाख की लैब
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं बल्कि व्यक्तित्व विकास है। जो 5 + 3 + 3 + 4 मॉडल के पहले पांच वर्षों के दौरान परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने या असफल होने के डर से रहित है। यह कहना है राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी का। वह शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में बोल रहे थे। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि पहली बार, इस पहले चरण में, आदिवासी स्कूलों, आंगनवाड़ी स्कूलों और अन्य छोटे पैमाने के स्कूलों को एक छत्र के नीचे एकीकृत किया जाएगा। अगले दो (3+3) चरणों में, छात्र अपने कौशल को निखारेंगे, दुनिया में विकसित होने वाली नई तकनीकों और पर्यावरणीय जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता का विकास करेंगे। छात्र को 'फ्लेक्सिबिलिटी' दी जा रही है कि वह अपनी जीवन और अपने कैरियर की जरूरतों के हिसाब से इस चरण पर एक प्रमाण पत्र, डिप्लोमा या एक डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने सांसद का स्वागत किया। सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एनईपी 2020 विभिन्न धाराओं के बीच मौजूदा विभाजन को हटा रहा है। एक धारा से दूसरी धारा में स्विच करने का विकल्प दे रहा है। यह दुनिया के सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करने का भारत के विश्वविद्यालयों के लिए अवसर दे रहा है।
लैब के लिए दिए 50 लाख रुपये :
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के अनुरोध पर डॉ. त्रिवेदी ने सांसद निधि के तहत एक नए संस्थान 'इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड मोलेकूलर गेनेटिक्स एंड इन्फेशीयस डिसिजेस' के लैब के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की। इस संस्थान में कोरोना जैसी महामारी पर शोध कार्य किए जाएंगे।