प्रयागराज : यूपी बोर्ड स्कूलों में लगेंगे ड्रॉप बॉक्स, साधन विहीन बच्चे उसमें डालेंगे उत्तर।
यूपी बोर्ड : कोरोना के कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह से टेलीविजन और ऑनलाइन माध्यमों पर आश्रित हो गई है। ऐसे में जिन बच्चों के पास आवश्यक संसाधन नहीं हैं, उन्हें खासी परेशानी हो रही है। कक्षा 9 से 12 तक के ऐसे बच्चों की समस्या को ध्यान में रखते हुए सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल ने गुरुवार शाम जारी एकेडमिक कैलेंडर में साफ किया है कि बोर्ड से संबद्ध 28 हजार से अधिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों की ओर से इन बच्चों को दूरस्थ शिक्षा से संबंधित पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
ऐसे बच्चों के साप्ताहिक मूल्यांकन या मासिक परीक्षा के लिए स्कूलों में ड्रॉप बॉक्स की व्यवस्था की जाएगी जिसमें वे अपने उत्तर डाल सकेंगे। इस संबंध में आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए सचिव यूपी बोर्ड ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है।
प्रदेश में लाखों छात्र-छात्राओं के पास नहीं सुविधा
यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के तकरीबन सवा करोड़ छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। अमूमन गरीब तबके से आने वाले इन बच्चों में लाखों के पास इंटरनेट सुविधा के साथ स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैबलेट या टेलीविजन नहीं है। प्रयागराज के एक हजार से अधिक स्कूलों में पिछले दिनों कराए गए सर्वे में 58 हजार से अधिक ऐसे बच्चे मिले थे जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा नहीं है।
पीटीए बैठक से लेकर जागरुकता कार्यक्रम सब ऑनलाइन
प्रयागराज :: कोरोना के कारण पढ़ाई-लिखाई एवं सीखने-सिखाने के तौर-तरीके में बड़े बदलाव हो रहे हैं। इस सत्र में स्कूलों में शिक्षक अभिभावक संघ (पीटीए) की बैठक से लेकर जागरुकता कार्यक्रम तक ऑनलाइन कराए जाएंगे। यूपी बोर्ड के एकेडमिक कैलेंडर में प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है कि 25 अगस्त तक पीटीए की आम सभा की बैठक और कार्यकारिणी का गठन कर लिया जाए। इन्सपायर अवार्ड योजना के तहत जिले स्तर पर ऑनलाइन प्रदर्शन व प्रोजेक्ट प्रतियोगिता के लिए चयनित छात्र-छात्राओं की तैयारी भी ऑनलाइन कराई जाएगी। 1 से 15 सितंबर तक हिन्दी पखवाड़ा, गांधी जयंती पर स्वच्छता पखवाड़ा, चाचा नेहरू की जयंती बाल दिवस समेत अन्य अवसरों पर ऑनलाइन कार्यक्रम एवं जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे।