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नई दिल्ली : कोरोना की वैक्सीन के आने के बाद भी क्यों मास्क पहनना होगा ज़रूरी?

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नई दिल्ली : कोरोना की वैक्सीन के आने के बाद भी क्यों मास्क पहनना होगा ज़रूरी?

इस वक्त कोरोना की वैक्सीन के 155 से ज़्यादा कैंडीडेट हैं जो क्लीनिकल ट्रायल के अलग-अलग स्तर पर हैं इनमें से 5 संभावित टीके आखिरी चरण तक पहुंच गए हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Vaccine: इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले दो करोड़ के आंकड़े से कुछ ही दूर हैं, जबकि इससे मरने वालों की संख्या 6,67,218 हो गई है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और मेडिकल एक्सपर्ट्स इस ख़तरनाक वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं।इस वक्त, कोरोना वायरस की वैक्सीन के 155 से ज़्यादा कैंडीडेट हैं, जो क्लीनिकल ट्रायल के अलग-अलग स्तर पर हैं। इनमें से, 5 संभावित टीके तीसरे यानी आखिरी चरण तक पहुंच गए हैं। जहां, अलग-अलग उम्र के हज़ारों वोलेंटियर हैं, जिन पर वैक्सीन कितनी सुरक्षित और प्रभावशाली है, इसका ट्रायल चल रहा है।

कोरोना वायरस की वैक्सीन के बाद भी लगाना होगा मास्क

सबसे ज़रूरी है ये समझना कि, क्योंकि कोरोना वायरस की वैक्सीन इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए जल्दबाज़ी में बनाई गई है, इसलिए ज़रूरी नहीं कि ये कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी को मज़बूत करने में पूरी तरह से असरदार हो। हां, ये ज़रूर है कि वैक्सीन एक COVID-19 रोगी के दोबारा संक्रमित होने की संभावना को कम कर सकती है। यहां तक कि लक्षण भी विकसित नहीं होंगे, लेकिन वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ तुरंत पूर्ण सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाएगी और न ही लोगों को संक्रमण से पूरी तरह बचा पाएगी।

कोरोना के लिए कोई जादू साबित नहीं होगी वैक्सीन

साइन्स इंसाइडर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, मारिया एलेना बोट्टाज़ी, जो बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में वैक्सीन विकसित करती हैं, ने कहा, " जैसे ही आपको वैक्सीन मिले, इसका मतलब ये नहीं है कि अब आप अपना मास्क कूड़े में फेंक सकते हैं। ऐसा नहीं होने वाला है। मुझे उम्मीद है कि लोग ये नहीं सोच कर बैठे हैं कि वैक्सीन जादुई तरीके से वायरस को ख़त्म कर देगी। इसका मतलब ये होगा, कि हमें एक बेहतर वैक्सीन बनाने के ज़रूरत है, जो कोरोना वायरस संक्रमण को पूरी तरह से ख़त्म करे। हालांकि, इसमें काफी वक्त लगेगा।

क्या निकला नतीजा?

अब हमें ये समझ आ गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन के आने का मतलब ये नहीं होगा कि हम महामारी से पहली वाली ज़िंदगी जी पाएंगे। वैक्सीन के बावजूद हमें आपस में शारीरिक दूरी, स्वच्छता और मास्क पहनना होगा, ताकि वैक्सीन अपना काम प्रभावी ढंग से कर पाए। इस बात में कोई दो राय नहीं, कि कोरोना वायरस की वैक्सीन न होने से बेहतर है, एक ऐसी वैक्सीन का होना, जो अपना काम 60 प्रतिशत तक पूरा करने में सक्षम है। ये वैक्सीन हमें हर्ड इम्यूनिटी को पाने में मदद करेगा। इसलिए तब तक अपने फेंके नहीं, उन्हें पहने रहें।

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