फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के 650 शिक्षकों पर एक करोड़ की टैक्स चोरी के आरोप के बाद कैम्प लगाकर आयकर पत्रावलियां दुरुस्त करने की तैयारी
इनकम टैक्स पत्रावलियों के परीक्षण में हुआ खुलासा, बिलों और वाउचरों का नहीं किया इस्तेमाल, अब ब्लॉकों में कैंप लगा पत्रावली दुरुस्त कराकर टैक्स अदायगी की तैयारी।
फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में करीब एक करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। इनकम टैक्स अदायगी की सालाना पत्रावलियों की जांच में 650 शिक्षकों के नाम उजागर हुए हैं। इन शिक्षकों पर परिजनों के इलाज के नाम पर टैक्स चोरी का आरोप है। इन शिक्षकों की सूची विभाग की तरफ से उजागर की गई है, इसके बाद से विभाग में हड़कंप मचा है। अधिकारी आनन फानन ब्लाकवार कैंप लगाकर टैक्स जमा कराने की तैयारी में जुट गए हैं। पहला कैंप 10 अगस्त को तेलियानी ब्लाक में लगाया जाएगा। जिलेभर के 2650 परिषदीय स्कूलों में करीब 9000 शिक्षक कार्यरत हैं। सभी शिक्षक वित्तीय वर्ष के अंत में सालाना बनने वाले इनकम टैक्स की वेतन से कटौती कराते रहे हैं। सभी शिक्षकों की वित्तीय वर्ष 2019-20 की इनकम टैक्स कटौती की पत्रावलियों की जांच लेखा विभाग ने प्रयागराज के चार्टर्ड अकाउंट से कराई तो 650 पत्रावलियों में शिक्षकों ने अपने परिजनों के इलाज में मनमानी खर्च दिखा दिया। इन शिक्षकों ने आई 10 फार्म में खर्च अंकित कर डाक्टर का पर्चा तो संलग्न किया है लेकिन किसी तरह का बिल या वाउचर और सीएमओ से काउंटर साइन नहीं कराया है। ऐसे में इन पत्रावलियों को कर चोरी के दायरे में शामिल किया गया है। लेखाविभाग ने ऐसे शिक्षकों की सूची जारी की है।
वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि 650 शिक्षकों नेपरिजनों के इलाज के नाम पर तय टैक्स से काफी कम जमा किया है।
अगर गलती से किसी शिक्षक ने बिल या बाउचर नहीं लगाए हैं, तो उन्हें इसे पूर्ण करने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए ब्लॉक वार कैंप लगाए जाएंगे। इनमें शिक्षक अपने अभिलेख दुरस्त कराकर अवशेष टैक्स अदा कर सकते हैं। ऐसा न करने वाले शिक्षकों पर टैक्स चोरी के आरोप में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इलाज में दर्शाया मनमानी खर्च
फतेहपुर : कोई भी कर्मचारी अपने युवा आश्रित के इलाज में अधिकतम 40 हजार, वृद्ध माता पिता के इलाज पर अधिकतम एक लाख खर्च कर सकता है। पेंशन भोगी माता पिता पर खर्च करने का कोई प्रावधान नहीं है। जबकि शिक्षकों ने चिकित्सा नियमों में इन नियमों का पालन नहीं किया है।