एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति में बच्चे कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कक्षा छह से ही पढ़ेंगे पाठ, नीति के लागू होने के बाद पढ़ाई का बदल जाएगा पूरा पैटर्न।

0 comments
नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति में बच्चे कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कक्षा छह से ही पढ़ेंगे पाठ, नीति के लागू होने के बाद पढ़ाई का बदल जाएगा पूरा पैटर्न।

नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा में कई ऐसे बुनियादी बदलाव किए गए हैं जो आने वाले समय में देश की शिक्षा में बड़े बदलाव आ सकते हैं। नई नीति लागू होने के बाद स्कूली शिक्षा का पाठ्यक्रम और उसका तौर-तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा।

छात्र-छात्राओं को भावी जरूरतों के अनुरूप विषय पढ़ाए जाएंगे। कक्षा छह से कृत्रिम बुद्धिमता की पढ़ाई भी इसी रणनीति का हिस्सा है। मकसद उनमें अभिरुचि पैदा करना है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कहते हैं कि कक्षा छह से दो बड़े बदलाव हुए हैं। एक वोकेशनल शिक्षा आरंभ करना तथा दूसरा कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अध्ययन। इसका मकसद छात्रों को रोजगारोन्मुख बनाना और इनोवेशन में उनकी दिलचस्पी पैदा करना है। बच्चों को कक्षा छह से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में कुछ पाठ पढ़ाए जाएंगे।


नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद पढ़ाई का पूरा पैटर्न बदल जाएगा। पहले तीन साल की प्री-स्कूलिंग बच्चे आंगनबाड़ियों में करेंगे तथा बाद के दो साल तक स्कूलों में पढ़ेंगे। इस प्रकार पहले पांच साल नर्सरी से कक्षा दो तक बच्चों को बुनियादी तौर पर मजबूत बनाया जाएगा। इसके बाद अगले तीन साल के दौरान वे प्राइमरी शिक्षा ग्रहण करेंगे।मानव संसाधन विकास मंत्रालय का मानना है कि नीति को पूरे देश ने स्वीकार किया है। सूबों में अलग-अलग दलों की सरकार के बावजूद सबने इसे प्रगतिशील बताया है।

काफी विचार विमर्श किया गया : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने इसे लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति को खत्म करने वाला बताया है। इसलिए इसके जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में कोई अड़चन नहीं आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं भी कहा था कि जितना विचार-विमर्श इस नीति को तैयार करने में हुआ है, उतना दुनिया की किसी नीति पर नहीं हुआ है। सबसे बड़ी चुनौती राज्यों को एक मंच पर लाने की थी जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक सफल रहे। शिक्षा नीति पर बनी समिति के चेयरमैन के. कस्तूरीरंगन ने भी इस बात के लिए सराहना की है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।