प्रयागराज : अर्हता के विवाद पर मंत्रालय को दोबारा भेजा गया जवाब
कुलपति पद के एक दावेदार की अर्हता को लेकर शिक्षा मंत्रालय में की गई थी शिकायत
भेजी गई जानकारी में तथ्यात्मक गलती के कारण इविवि ने फिर भेजी विस्तृत जानकारी
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में कुलपति पद के दावेदारों की अर्हता को लेकर हुए विवाद के बाद इविवि प्रशासन ने शिक्षा मंत्रालय को दोबारा जवाब भेजा है। जवाब में मंत्रालय को बताया गया है कि इविवि से जिन चार शिक्षकों ने कुलपति पद के लिए आवेदन किए हैं, उनमें से प्रोफेसर पद पर सबसे पहले किसका प्रमोशन हुआ और कौन सबसे सीनियर है। हालांकि जवाब भेजे जाने से पूर्व ही सर्च कमेटी की ओर से कुलपति पद के लिए पांच नाम मंत्रालय को बंद लिफाफे में भेजे जा चुके हैं।चर्चा है कि जिस शिक्षक की अर्हता को लेकर शिकायत की गई थी, उनका नाम भी लिफाफे में शामिल है, जबकि जिन चार शिक्षकों की अर्हता संबंधी जानकारी भेजी गई है, उनमें संबंधित शिक्षक सबसे जूनियर हैं।मंत्रालय को भेजे गए पत्र में एक शिक्षक का प्रोफेसर पद पर प्रमोशन अक्तूबर 2015 एवं अर्हता तिथि सितंबर 2010 बताई गई है। वहीं, तीन अन्य शिक्षकों का प्रमोशन एवं अर्हता तिथि अक्तूबर 2001, दिसंबर 2003 और अक्तूबर 2009 बताई गई है। सूत्रों के मुताबिक इंटरव्यू शुरू होने से पहले कुलपति पद के लिए आवेदन करने वाले इविवि से जुड़े एक शिक्षक के बारे में शिक्षा मंत्रालय से शिकायत की गई थी।शिकायत में कहा गया था कि संबंधित शिक्षक की अर्हता के बारे में मंत्रालय को गलत जानकारी दी गई है। इस पर मंत्रालय ने इंटरव्यू की प्रक्रिया में शामिल हुए सभी शिक्षकों की अर्हता के बारे में संबंधित विश्वविद्यालयों से जवाब तलब कर लिया था। सूत्रों का कहना है कि इविवि प्रशासन ने 21 अगस्त को जो जवाब भेजा था, उसमें अर्हता संबंधी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई थी। ऐसे में जिस शिक्षक के बारे में शिकायत की गई थी, उनकी अर्हता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। इसी बात पर विवाद हो गया और आरोप लगने लगे कि इविवि प्रशासन ने गलत जानकारी भेज दी है। सूत्रों का कहना है कि मामला बढ़ने पर इविवि प्रशासन ने अर्हता के विवाद के मामले में मंत्रालय को 27 अगस्त को दूसरी बार जवाब भेजा है। इसमें चार शिक्षकों की अर्हता से संबंधित जानकारी दी गई। साथ ही संबंधित दस्तावेज भी भेजे गए हैं। यह जानकारी शिक्षकों की पर्सनल फाइल के आधार पर भेजी गई है। इविवि प्रशासन की ओर से मंत्रालय को भेजे गए पत्र में यह माना गया है कि पूर्व में अर्हता तिथि संबंधी जो सूचना भेजी गई थीं, उसमें कुछ तथ्यात्मक गलती थी, इस वजह से संबंधित दस्तावेजों के साथ दोबारा जवाब भेजा जा रहा है। इनमें चारों शिक्षकों के बारे में उनके प्रोफेसर पद पर प्रमोशन एवं अर्हता तिथि से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।विश्वविद्यालय ने मंत्रालय को जवाब भेज दिया था। मंत्रालय को विस्तृत जानकारी चाहिए थी और इसी वजह से विश्वविद्यालय की ओर से दोबारा विस्तृत जानकारी भेजी गई है। डॉ. शैलेंद्र कुमार मिश्र, पीआरओ, इविवि