कोरोना काल में सीबीएसई के कंपार्टमेंट परीक्षा लेने के फैसले के खिलाफ देश भर के 800 से ज्यादा छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। छात्रों ने याचिका दायर कर शीर्ष अदालत से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के नेशनल जनरल सेक्रेटरी संदीप सौरव ने 809 छात्रों की ओर से याचिका दायर कर कोर्ट को बताया है कि महामारी के समय में सीबीएसई के परीक्षा कराने के फैसले की वजह से छात्र, अभिभावक, शिक्षकों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है।
याचिका ने कहा गया है कि अभी तक कंपार्टमेंट परीक्षा का कोई शेड्यूल तय नहीं किया गया है, जबकि अधिकांश कॉलेज एग्जाम और एडमिशन की डेडलाइन जारी कर चुके हैं। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से महामारी के खत्म होने तक सीबीएसई के कंपार्टमेंट परीक्षा कराने के फैसले पर रोक लगाने के लिए कहा गया है।
सीबीएसई 10वीं में इस बार 1,50,198 स्टूडेंट्स और 12वीं के 87,651 स्टूडेंट्स की कंपार्टमेंट आई थी।
छात्रों ने कहा है कि वह कम्पार्टमेंट परीक्षा के महत्व का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन वे इस संबंध में महामारी की स्थिति के कारण एक उचित दिशा- निर्देश चाहते हैं।
याचिका में यह भी दलील दी गई है कि बिहार बोर्ड और तेलंगाना बोर्ड पहले ही कंपार्टमेंट परीक्षा रद्द कर चुके हैं।
कुछ दिनों पहले सीबीएसई ने ग्रेस मार्क्स देकर छात्रों को पास करने से साफ इनकार कर दिया था बोर्ड ने कहा था कि जो छात्र एक और दो विषय में फेल हैं, उन्हें कंपार्टमेंटल परीक्षा देनी ही होगी। कई छात्र कंपार्टमेंटल परीक्षा या ग्रेस अंक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गये थे। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड से जवाब मांगा था। गुरुवार को सीबीएसई ने जवाब में कहा था कि बोर्ड के एग्जामिनेशन बायलॉज में ऐसा प्रावधान नहीं है। छात्रों को 10वीं और 12वीं पास करने के बाद ही अगली कक्षा में नामांकन मिलेगा।