लखनऊ : कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच द्वारा किसी भी कर्मचारी की भर्ती के बाद 05 वर्ष तक उसकी समीक्षा करने एवं 05 वर्ष तक मानदेय आउसोर्सिंग निर्धारित वेतन देने के निर्णय में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जताई विरोध
प्रकाशनार्थ
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दरमियान ही कर्मचारियों के शोषण करने का एक नया तरीका निकाल लिया है उन्होंने किसी भी कर्मचारी की भर्ती के बाद 05 वर्ष तक उसकी समीक्षा करने का निर्णय लिया है और हर 06 महीने में समीक्षा की जाएगी पीसीएस एवं उससे ऊपर के अधिकारियों को श्रेणी में नही रखा गया है जो कर्मचारी नियुक्त होगा उसको 05 वर्ष तक मानदेय आउसोर्सिंग निर्धारित वेतन मिलेगा वह कर्मचारी काम करेगा जो कर्मचारी नया नियुक्त होगा वह उन महत्त्वपूर्ण पदों पर भी रहेगा जो समीक्षा जैसे महत्वपूर्ण पद होते हैं एकाउंटिंग से लेकर मॉनिटरिंग के भी कार्य होते हैं सभी अधिकारियों के बाद में रहेंगे और उन नियमों का पालन किसी कीमत पर अधिकारियों से नहीं करा पाएंगे क्योंकि अधिकारी जैसा चाहे वैसा उनको लिखना अथवा प्रस्तुत करना उनकी मजदूरी होगी क्योंकि हर 06 महीने नौकरी से निकाला जाएगा प्रत्येक विभाग में प्रत्येक पद के लिए कार्मिक नियमावली हुई है कर्मचारियों के मौलिक अधिकार भी है जो हनन की श्रेणी में आता है और यह प्रतीती होता है कि इस बेरोजगारी की फौज का मजाक उड़ाते हुए सरकार उन्हें 06 साल बंधुआ मजदूरों की तरह काम लेना चाहती है और उसे बाद सरकार बदल जाएगी फिर दूसरी सरकार नए नियम लाकर उनको नौकरी से बाहर कर देगे अथवा अपने लोगों को नौकारी देने का प्रयास करेंगे यह पूरी तरह से बेरोजगार समाज एवं कर्मचारी समाज का मजाक है अगर यही व्यवस्था करनी है मा0 विधायक मा0 सांसद मा0 मंत्रियों सभी पर लागू होनी चाहिए क्योंकि उन्हें भी बिल्कुल विधाई कार्य अश्या सम्बधित विभाग का ज्ञान नही होता है उन्हें भी ट्रेनिंग कराई जानी चाहिए उसके बाद ही उनका वेतन आदि मिलना चाहिए लोकतात्रिक दस्त में यह बिल्कुल भी उचित नहीं है कर्मचारी समाज पूर्ण रुप से सहमत है सरकार के खिलाफ अपनी उचित बात के लिए बड़े आन्दोलन किए जाएं और इस व्यवस्था को लागू न होने दिया जाए इसमें कर्मचारी समाज से लेकर बेरोजगार समाज भी सभी साथ आएगा इस सम्बन्ध में उ0प्र0 के सभी कर्मचारी संगठनों शिक्षक संघ संगठनों और अधिकारी संगठनों बनाए गए द्वारा कर्मचारी शिक्षक अधिकार एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के द्वारा कड़ा विरोध किया गया है जिसमें मुख्य रुप से सुशील त्रिपाठी प्रदेश अध्यक्ष कलेक्ट्रेट एसो० डॉक्टर दिनेश चन्द्र शर्मा प्रदेश अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ हरि किशोर तिवारी प्रदेश अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुका परिषद सतीश पांडे प्रदेश अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ यादवेन्द्र मा अध्यदा सचिवालय संघ रामफोर पाण्डे अध्यक्ष आलोक महासंघ राकेश त्यागी अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ बाबा हरदेव सिंह पूर्व अध्यक्ष पीसीएस एसोसिएशन एस०के० सिंह अध्यक्ष अधिकारी महापचायल निखिल शुक्ला अध्यक्ष तहसीलदार एसो0 रामराज दूबे अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासाध वीरेन्द्र चौहान अध्यक्ष यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ एन०एस० नेगी आप्यक्ष शांति सांख्यिकी महासंघ चेत नारायण सिंह अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ वृजेश श्रीवास्तव महामंत्री लेखपाल संघ अवधेश मिश्रा अध्यक्ष सीनियर बेसकि शिक्षक संघ प्रेम कुमार सिंह अध्यक्ष स्थास्थ्य विभाग मिनि० एसो0 आदि संगठनों ने शिवबरन सिंह यादव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विरोध प्रकट किया है।
सेवा में,
प्रधान सम्पादक/ब्यूरो प्रमुख
समाचार पत्र/न्यूज चैलन
(शिबरन सिंह यादव) महासचिव