फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों की शिक्षण गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए डायट प्रवक्ता भी सम्भालेंगे जिम्मेदारी, माह में कम से कम 10-10 स्कूलों पर करेंगे कार्य
फतेहपुर : बेसिक शिक्षा द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों की शिक्षण गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए डायट प्रवक्ता भी जिम्मेदारी सम्भालेंगे। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रवक्ताओं के लिए भी वर्क परियोजना कार्य अनिवार्य कर दिया गया है। प्रवक्ताओं को माह में कम से कम 10-10 स्कूलों को गोद लेकर शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डा. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने निर्देश जारी किया है।
निदेशक द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि इसके लिए किसी एक विषय को चुनना होगा। चुने गए विषय पर कार्य योजना बनाने के बाद इसका मूल्यांकन होगा। जिला स्तर पर डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डायट में ही कार्यरत शिक्षक व अध्ययनरत प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण व शिक्षण प्रदान किया जाता है। डायट प्रवक्ताओं को परिषदीय प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में शैक्षिक स्तर के सुधार के लिए भी दायित्व तय किए गए हैं। समय के साथ डायट प्रवक्ता मात्र डायट तक ही सीमित रह गए हैं। विभाग ने प्रेरणा लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी सरकारी व स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग का खाका खींचा है। अब डायट प्रवक्ता जनपद ग्रेडिंग लर्निंग में डी-श्रेणी के स्कूलों को गोद लेंगे।