लखनऊ : पालिटेक्निक परीक्षा 186 केंद्रों पर ऑनलाइन भेजे गए पॉलिटेक्निक के प्रश्न पत्र, पहले दिन शांति पूर्वक निपटी परीक्षा
लखनऊ। प्रमुख संवाददाता पॉलिटेक्निक के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा शुक्रवार को शांतिपूर्वक निपटी। पहली बार विभाग ने 186 परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन पेपर पहुंचाया। पेपर पहुंचाने में एकेटीयू ने भी तकनीकी मदद की। परीक्षा शांतिपूर्वक निपटने पर विभाग ने राहत की सांस ली है।पॉलिटेक्निक के अंतिम सेमेस्टर की वार्षिक परीक्षाएं 25 सितंबर से शुरू हुईं। जो 12 अक्टूबर तक चलेंगी। परीक्षा में करीब 75000 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। पहली बार विभाग ने ऑनलाइन पेपर भेजने की कवायद की थी। जो सफल हुई है। हालांकि इसे भेजने में कुछ दूसरी संस्थाओं ने भी काफी मदद की है। इसके लिए काफी सतर्कता बरती गई। प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव डॉ आरके सिंह ने प्रश्न पत्रों को भेजने के लिए संस्थाओं में पहले से ही आवश्यक उपकरणों, साज-सज्जा एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई थी। जिसके चलते यह संभव हुआ। विभाग ने प्रश्न पत्र भेजने के लिए कुल 103 राजकीय, 18 अनुदानित तथा 65 निजी क्षेत्र की संस्थाओं को केंद्र निर्धारित किया। कुछ परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय से काफी दूर हैं। इसके बावजूद परिषद ने प्रधानाचार्य से लगातार संपर्क कर समस्याओं के निराकरण कराए। आखिर में इन परीक्षा केंद्रों पर भी शुक्रवार को ऑनलाइन प्रश्न पत्र पहुंचाने में सफलता मिली प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव आरके सिंह ने ऑनलाइन प्रश्न पत्र भेजने से काफी राजस्व की बचत का दावा किया है। उनका कहना है कि पहले एजेंसी के माध्यम से प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग कर उनके पैकेट तैयार किए जाते थे। फिर यह परिषद आते थे। परिषद कार्यालय से परीक्षा केंद्रों के केंद्र अधीक्षक, अस्थाई पर्यवेक्षक को सुरक्षाकर्मी की उपस्थिति में प्रश्न पत्र दिए जाते थे। इसे लेकर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में केंद्र अधीक्षक, अस्थाई पर्यवेक्षक, सुरक्षा गार्ड वाहनों से जाते थे। इसमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह प्रक्रिया उचित नहीं थी। इसके लिए तमाम यात्रा भत्ता देना पड़ता था। भारी राजस्व की हानि होती थी। कोविड-19 को देखते हुए पुरानी प्रक्रिया से प्रश्न पत्रों को परीक्षा केंद्रों पर तक पहुंचाना सही नहीं था। इसी को देखते हुए अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर ऑनलाइन प्रश्नपत्र पहुंचाए गए। उनका दावा है कि इसकी वजह से कहीं कोई दिक्कत नहीं आई।