प्रयागराज : सिर्फ हिंदी माध्यम में हो पीसीएस परीक्षा, अप्रत्याशित परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों ने सीएम को लिखा पत्र
केवल यूपी की महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने की मांग
प्रयागराज। पीसीएस-2018 का अप्रत्याशित परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कुछ बदलावों की मांग की है। इसके साथ ही अन्य परीक्षाओं को लेकर भी आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार की मांग की गई है।अभ्यर्थियों की ओर से प्रतियोगी छात्र संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी अविनीश पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि पीसीएस परीक्षा केवल हिंदी माध्यम से कराई जाए।पीसीएस-2018 की कॉपियों का विज्ञापन के अनुरूप पुनर्मूल्यांकन हो। साथ ही हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यकी की कॉपियों का मूल्यांकन अलग-अलग एक्सपर्ट से कराय जाए औ संशोधित परिणाम जारी किया जाए। प्रारंभिक परीक्षा को मात्र छंटनी परीक्षा मानकर पद के सापेक्ष 20 गुना या आवेदित अभ्यर्थियों के 20 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया जाए। सभी विषयों को मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए। मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के सभी पेपर में उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में ही विषयगत प्रश्न पूछे जाएं। इसके साथ ही इंटरव्यू के दौरान प्रत्येक प्रतिभागी की वीडियोग्राफी हो और आयोग में जैमर लगे। सीधी भर्ती में लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंक को जोडक़र परीक्षा परिणाम जारी किया जाए। सभी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों की कॉपियों को आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाए।जनसूचना अधिकार के तहत आयोग सभी सूचनाएं देने के लिए बाध्य हो, ताकि पारदर्शिता आए।
किसी भी परीक्षा में क्षैतिज आरक्षण का लाभ केवल उत्तर प्रदेश की महिला अभ्यर्थियों को मिले और आयोग द्वारा आयोजित किसी परीक्षा का परिणाम एक वर्ष के भीतर घोषित किया जाए।