गोरखपुर : फर्जी शिक्षक नियुक्ति में धांधली, दो भाइयों सहित तीन गिरफ्तार
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। गोरखपुर में फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में एसटीएफ ने भड़ाफोड़ करते हुए तीन लोगों को दबोच लिया है। पूछताछ में पता चला कि फर्जी शिक्षक के रूप में खुद नौकरी करने के साथ ही वह मानव संपदा पोर्टल की मदद से जानकारी जुटाकर फर्जी शिक्षकों को बचाने के नाम पर वसूली भी करते थे। एसटीएफ ने मुखबिर की मदद से तीनों को लखनऊ के गोमती नगर स्थित पराग बूथ स्टेंशन से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार होने वालों में गोरखपुर के सहजनवां थानाक्षेत्र के सगे भाई भी शामिल हैं।आरोपितों की पहचान सहजनवां थाना क्षेत्र के हरदी निवासी यदुनंदन यादव पुत्र इंद्रमणि, हरदी निवासी सत्यपाल यादव पुत्र इंद्रमणि, देवरिया के सलेमपुर बरसीपार निवासी प्रमोद कुमार यादव पुत्र इंद्रदेव यादव के रूप में हुई है। एसटीएफ के मुताबिक, यदुनंदन ने पूछताछ में बताया कि वह प्रमोद कुमार सिंह के नाम से प्राथमिक विद्यालय ककरहा, बाराबंकी में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहा है।इससे पहले भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर सीआरपीएफ में वर्ष 2000 में भर्ती हुआ था। इस मामले में सहजनवां में केस दर्ज हुुआ था और वह जेल गया था।
उसकी पत्नी श्रीलता वर्तमान समय में अर्चना पांडेय के नाम से उच्च प्राथमिक विद्यालय गदिया, बराबंकी में नौकरी कर रही है। उसके द्वारा मानव संपदा पोर्टल की धांधली के संबंध में बताया गया कि पोर्टल पब्लिक विंडो में दी गई सूची के आधार पर इस्तेमाल कर प्राप्त कर लेता था कि कौन फर्जी अध्यापक है और उनसे वसूली करता था।ऐसे अध्यापकों की फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर वसूली करता था। जिन शिक्षकों का मोबाइल नंबर नहीं मिलता था उसके गांव के प्रधान से संपर्क कर वसूली करता था। आशीष कुमार सिंह को पैसा लेकर बुलाया था जिसका वास्तविक नाम प्रमोद कुमार यादव है तथा जो आशीष के नाम से प्राथमिक विद्यालय बड़लगंज में नौकरी कर रहा है। उसके गाड़ी से कई फर्जी कागजात मिले है।
8 लाख 86 हजार की बरामदगी
गिरफ्तार आरोपितों के पास से 8 लाख 60 हजार रुपये की नकदी बरामद हुई है। छह मोबाइल, दो लैपटॉप, एक प्रिंटर, कार, सीआरपीएफ का कूट रचित प्रमाण पत्र, एक कार, प्रमोद कुमार सिंह के नाम से दो फर्जी आधार कार्ड, डीएल और पैन कार्ड बरामद किया गया है।