प्रयागराज : काउंसलिंग के बाद नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थी
प्रयागराज। चार साल पहले विज्ञापन संख्या 47 के तहत अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने रिजल्ट जारी कर दिया और उच्च शिक्षा निदेशालय ने काउंसलिंग भी करा दी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। फाइलें शासन में अटकी हुईं हैं। इसमें किसी अभ्यर्थी की कोई गलती भी नहीं है। तकनीकी कारणों से नियुक्ति में अड़ंगा लगा हुआ और शासन स्तर से इसे दुरुस्त नहीं किया जा रहा। यह हालत तब है, जब मुख्यमंत्री ने छह माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नियुक्तिपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं।विज्ञापन संख्या 47 के तहत इतिहास, अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा, हिंदी, अंग्रेजी विषय र्की काउंसलिंग में शामिल 26 अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित नहीं हो सका है। वजह यह कि आयोग ने रिजल्ट में महिला अभ्यर्थियों को ओपन कैटेगरी में शामिल कर लिया था। उन्होंने अपने मनपसंद कॉलेज चुन लिए। महिला महाविद्यालयों में सीटें खाली रह गईं और अन्य कॉलेजों में सीटें ही नहीं बचीं। अभ्यर्थी अब नियुक्ति पत्र लेकर कॉलेज पहुंचे तो सीटें खाली न होने के कारण उन्हें लौटा दिया गया। नतीजा कि 26 अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित नहीं किए जा सके। संबंधित अभ्यर्थियों की फाइलें शासन को भेज दी गईं।अभ्यर्थी नौ माह से नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। 25 सितंबर को विशेष सचिव योगेंद्र दत्त त्रिपाठी की ओर से निदेशालय को पत्र जारी का हिंदी विषय के एक अभ्यर्थी को मौजूदा तैनाती स्थल से नई जगह तैनात किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि एक तरफ किसी अभ्यर्थी को दूसरे कॉलेज की रिक्त सीट पर ट्रांसफर किया जा रहा है। वहीं, नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थियों के लिए कॉलेज में सीटें रिक्त नहीं हैं।
रिजल्ट में महिला अभ्यर्थियों की श्रेणी अलग की
पिछली गलती से सबक लेकर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र के रिजल्ट में जब महिला अभ्यर्थियों की श्रेणी अलग कर दी तो नई तकनीकी अड़चन आ गई। इस बार एनआईसी के सॉफ्टवेयर ने रिजल्ट को सपोर्ट नहीं किया। नतीजा कि असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशासत्र के 273 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग तो करा ली गई, लेकिन उन्हें नियुक्तिपत्र जारी नहीं किया जा सका। एनआईसी का सॉफ्टवेयर पुराने प्रारूप पर तैयार किए गए जाने वाले रिजल्ट के अनुरूप बनाया गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने एनआईसी से सॉफ्टवेयर में संशोधन के लिए कहा तो जवाब मिला कि शासन से निर्देश मिलने के बाद ही कुछ किया जा सकता है। इस पर निदेशालय की ओर से शासन को पत्र लिखा गया। एक माह पूरे होने जा रहे हैं और शासन स्तर से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। इस बारे में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि शासन से दिशा-निर्देश मिलने के बाद नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।