नई दिल्ली : गरीब बच्चों को किताबें नहीं दे रहे प्राइवेट स्कूल, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भेजा नोटिस
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली | दिल्ली के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने 45 प्राइवेट स्कूलों को पिछले सप्ताह गरीब वर्ग (EWS) के छात्रों को किताबें ने देने पर नोटिस भेजा है। आयोग के एक सदस्य के अनुसार, आरोप है कि इन स्कूलों ने कथिततौर पर गरीब बच्चों को किताबें देने से मना कर दिया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायतें मिल रही थीं कि बच्चों को प्राइवेट स्कूलों द्वारा अप्रैल से किताबें नहीं दी जा रही हैं। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले को सुलझान के लिए स्कूलों को नोटिस भेजा है। आयोग के सदस्य के अनुसार, संस्थानों ने किताबें देने पर सहमति जताई है।शिक्षा का अधिकार (RTE) के तहत प्रावधान है कि सभी प्राइवेट स्कूलों में EWS/DG वर्ग के छात्रों के लिए सीटें रिजर्व होंगी। इन छात्रों से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी होने तक किसी प्रकार शुल्क नहीं लिया जाएगा।दिल्ली आरटीई के तहत जिन छात्रों का पंजीकरण ईडल्यूएस/डीजी (disadvantaged group) वर्ग में प्राइवेट स्कूलों में होता है उन्हें इन स्कूलों से मुफ्त में किताबें दिए जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही यूनिफॉर्म और अन्य स्टडी मैटेरियल भी मुफ्त में देना होता है जिसका भुगतान सरकार स्कूलों को एक निश्चित राशि के तौर पर करती है।