एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

लखनऊ : बीएड निजी संस्थानों की फीस तय न होने से बढ़ सकती हैं छात्रों की मुसीबतें।

0 comments
लखनऊ : बीएड निजी संस्थानों की फीस तय न होने से बढ़ सकती हैं छात्रों की मुसीबतें।

लखनऊ । निजी संस्थानों के लिए चालू शिक्षण सत्र में बीएड की फीस निर्धारित नहीं होने से छात्रों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। फीस का निर्धारण न होने से निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को राज्य विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम की न्यूनतम फीस के बराबर भुगतान करना होगा।



राज्य विश्वविद्यालयों और निजी संस्थानों की फीस में भारी अंतर है। निजी बीएड शिक्षण संस्थानों के लिए वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक प्रथम वर्ष में 51,250 रुपये और द्वितीय वर्ष में 30,000 रुपये फीस थी। इसके बाद 2019-20 के लिए भी इसी दर से शुल्क निर्धारित किया गया। चालू सत्र में निजी संस्थानों के लिए सक्षम स्तर से बीएड की फीस निर्धारित नहीं की गई है।

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों के लिए पूरी फीस की भरपाई करती है, जबकि बीएड  में अन्य वर्गों के लिए अधिकतम 50 हजार रुपये की प्रतिपूर्ति की कैपिंग लगाई गई है। इस साल कोरोना संकट के कारण ऑनलाइन क्लासेज ही चल रही हैं। इसलिए प्रदेश सरकार शुल्क भरपाई में कटौती करने पर भी विचार कर रही है। इसके पीछे तर्क है कि ऑनलाइन क्लासेज से संस्थानों का व्ययभार कम हुआ है।


 सक्षम स्तर से बीएड में ली जाने वाली फीस का निर्धारण जरूरी

अधिकारियों का कहना है कि 2 अक्तूबर को शुल्क प्रतिपूर्ति की जानी है। इसलिए सक्षम स्तर से बीएड में ली जाने वाली फीस का निर्धारण जरूरी है। चाहें इसकी राशि कम या ज्यादा हो, क्योंकि किसी भी स्थिति में यह राज्य विश्वविद्यालय में ली जाने वाली फीस से अधिक ही निर्धारित होगी।

अनुसूचित जाति की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति मद का एक चौथाई बजट बीएड पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले छात्रों पर व्यय होता है। कुल दो हजार करोड़ रुपये के सालाना बजट में से करीब 450 करोड़ रुपये बीएड के विद्यार्थियों को दिया जाता है। सामान्य वर्ग में आवेदन करने वाले पात्र विद्यार्थियों की संख्या करीब 25000 रहती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।