मऊ : शिक्षक भर्ती के आदेश पर अभ्यर्थियों की बढ़ीं धड़कनें
जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : प्रदेश सरकार के एक सप्ताह में शिक्षकों के 31661 पदों को भरे जाने के आदेश के बाद पूर्व शिक्षक भर्ती के लिए काउंसिलिग करा चुके अभ्यर्थियों एवं उनके अभिभावकों की धड़कनें बढ़ गई हैं। रविवार को ऐसे अभ्यर्थी साइबर कैफे का चक्कर काटते रहे। चूकि पहले 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसिलिग कराई गई थी, लेकिन अब कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में शिक्षामित्रों के 37339 पदों को छोड़कर भर्ती होनी है, इसलिए कौन चयनित होगा और कौन बाहर इस पर असमंजस बरकरार है।प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। मामले में 24 जुलाई 2020 को तीन जजों की पीठ ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। 20 मई 2020 को शिक्षा मित्रों की दलीलों को सुनकर कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश दिया था कि सरकार चाहे तो 69 हजार पदों में शिक्षामित्रों के 37339 पदों को छोड़ कर भर्ती कर सकती है, लेकिन सरकार ने इस आदेश को दरकिनार कर भर्ती प्रकिया आगे बढ़ा दिया। इस पर शिक्षामित्रों ने कोर्ट में याचिका दायर कर भर्ती प्रक्रिया रोकने की गुहार लगाई।कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने जारी काउंसिलिग को रोके जाने का आदेश दिया। हालांकि, 67867 पद पर काउंसिलिग हो चुकी थी। कोर्ट के आदेश से मामला जहां का तहां रुक गया था। इस पर नियमित सुनवाई कर मामले को सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षित कर लिया गया है, लेकिन बीते 17 सितंबर को प्रदेश सरकार ने 31661 पदों पर फौरन भर्ती करने का आदेश दे दिया है। इससे पहले काउंसलिग में चयनित अभ्यर्थी बाहर हो सकते हैं, क्योंकि सरकार ने पहले 69 हजार के सापेक्ष काउंसलिग कराया था। अब शिक्षा मित्रों के पदों को सुरक्षित रखने पर मामला उलट-पलट सकता है। चयनित बाहर हो सकते हैं और बाहर वाले को नौकरी मिल सकती है। इसे लेकर पूरे दिन अभ्यर्थियों एवं उनके अभिभावकों की धड़कन बढ़ी रही।