एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

प्रयागराज : आयु निर्धारण में मेडिकल साक्ष्य को मिलेगी वरीयता - हाईकोर्ट

0 comments
प्रयागराज : आयु निर्धारण में मेडिकल साक्ष्य को मिलेगी वरीयता - हाईकोर्ट

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आयु निर्धारण को लेकर विवाद की स्थिति में मेडिकल साक्ष्यों को दस्तावेजी साक्ष्य के मुकाबले वरीयता दी जाएगी। पीड़िता की आयु निर्धारण को लेकर पैदा हुए एक विवाद के मामले में हाईकोर्ट ने सीजेएम गाजीपुर द्वारा मेडिकल साक्ष्य को वरीयता देने के लिए निर्णय को सही करार देते हुए निगरानी याचिका खारिज कर दी है। याचिका पर न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र प्रथम ने सुनवाई की। पीड़िता के पिता ने निगरानी अर्जी दाखिल कर छह जनवरी 2020 के सीजेएम के आदेश को चुनौती दी थी। कहा गया कि इस मामले में हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर हाईकोर्ट ने पीड़िता के अभिभावकों को भी सुनकर आयु निर्धारण करने का आदेश दिया था। मगर सीजेएम ने उनको सुने बिना ही एक तरफा आदेश दे दिया। जबकि उन्होंने पीड़िता की जन्म तिथि का प्रमाणपत्र जूनियर हाईस्कूल की मार्कशीट प्रस्तुत की थी, इसमें उसकी जन्म तिथि 25 जनवरी 2004 दर्ज है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। इस हिसाब से पीड़िता को नाबालिग मानना चाहिए।  सरकारी वकील का कहना था कि सीजेएम के समक्ष जो जूनियर हाईस्कूल की मार्कशीट पेश की गई, उसमें जन्म तिथि 24 जनवरी 2001 है। सीजेएम ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को आधार बनाया, जिसमें पीड़िता की आयु 18 से 19 वर्ष आंकी गई है। जबकि याची का कहना था कि मेडिकल रिपोर्ट छह माह पुुरानी है। घटना एक जून 2019 की है।कोर्ट का कहना था कि इस मामले में दो मार्कशीट प्रस्तुत की गईं हैं, दोनों में जन्म तिथि अलग-अलग है। ऐसी स्थिति में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ही मान्य होगी। यदि रिपोर्ट छह माह पुरानी है तब भी रिपोर्ट में राय दी गई है कि आयु 18 से 19 वर्ष के बीच है। इस हिसाब से पीड़िता की आयु घटना के समय भी 18 वर्ष से कम नहीं है। सीजेएम ने अभिभावकों का पक्ष न सुनकर गलती की है, मगर अभिभावकों को इस अदालत ने सुनवाई का पूरा मौका दिया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।