लखनऊ : मदरसा शिक्षकों को चार साल से नहीं मिला केन्द्रांश मानदेय।
लखनऊ। मदरसा आधुनिकीकरण योजना में कार्यरत 25 हजार शिक्षकों के केंद्रांश मानदेय चार साल से नहीं मिला है। इन शिक्षकों ने शासन के जरिये केंद्र को 8,000 और परास्नातक शिक्षकों को सरकार से मानदेय जारी करवाने की मांग की है। इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद ने बताया कि योजना के अंतर्गत स्नातक शिक्षकों 15,000 मानदेय मिलता है। केंद्र सरकार को 8,000 में से 3600 रुपये और 15,000 में से 4,800 रुपये देने होते हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने चार साल से रुपये बकाया हो चुका है। राज्य सरकार ने केंद्रांश जारी करने के लिए कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिख चुकी हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से एक टीम दिल्ली भेज कर अड़चनें दूर कराने की मांग की।
'जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की मनमानी पर लगाएं रोक
लखनऊ : मदरसा शिक्षकों ने बोर्ड रजिस्ट्रार से अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है। शिक्षकों का आरोप है कि अधिकारी प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए जारी शासनादेश के विपरीत अभिलेख मांग कर रहे हैं। प्रदेश के अनुदानित मदरसों के सभी स्तर के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए एक सितंबर को शासनादेश जारी किया गया था। टीचर्स एसोसिएशन मदरसे अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहेब जमा खां ने बताया कि बहराइच, मऊ, अंबेडकर नगर, वाराणसी मे अधिकारी अपना अलग प्रोफॉर्मा जारी कर अनुभव प्रमाण पत्र भी मांग रहे हैं।
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