फतेहपुर : विद्यालय खुलने से पूर्व परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता को लेकर नई नई व्यवस्थाएं लागू हो रही हैं। इसी क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता का नया पैमाना निर्धारित किया है। अब कक्षा पांच तक के बच्चों के मूल्यांकन का आधार भाषा और गणित होगी। शिक्षकों का मूल्यांकन भी बच्चों की योग्यता के आधार पर होगा। निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से भी इस पर सवाल-जवाब हो सकता है।
गणित के लिए यह होंगे मानक
गणित विषय में कक्षा एक के छात्र को निर्धारित सूची में पांच संख्याएं सही पढ़ने की क्षमता, कक्षा दो के छात्र को एक अंक का जोड़ना और घटाना आना चाहिए। कक्षा तीन के छात्र को हासिल वाले जोड़ और घटाने के सवाल 75 प्रतिशत हल करने की क्षमता का मानक है। कक्षा चार के छात्र को गुणा के 75 प्रतिशत सवाल हल करने का मानक तय हैं। कक्षा पांच के छात्र के लिए भाग के 75 प्रतिशत सवाल हल करने का मानक तय किया गया है।
शिक्षक समेत जवाबदेह भी रखें याद
सर्व शिक्षा विभाग से जारी किए गए दिशा निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि यह मानक बच्चों के साथ शिक्षक और विभागीय अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों को याद होना चाहिए। अगर कोई अधिकारी स्कूल का निरीक्षण करता है, तो उसे इसी मानक के आधार पर बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता का आंकलन करना होगा। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों में गणित एवं भाषा का ज्ञान बेहतर करने के लिए कवायद की जा रही है।