उच्च शिक्षा निदेशालय ने की कार्रवाई, शिक्षिका को जारी की चार्जशीट
जांच के दौरान मिले थे 27 संदिग्ध मामले, कई शिक्षकों पर लटक रही तलवार
प्रयागराज। नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने गौतम बुद्ध नगर स्थित मायावती राजकीय महिला महाविद्यालय, बादलपुर की एक महिला एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह को निलंबित कर दिया है।इसके साथ ही निदेशालय ने एसोसिएट प्रोफेसर को चार्जशीट जारी कर तीन माह में जवाब मांगा है। नियुक्ति में फर्जीवाड़े को लेकर कई अन्य शिक्षकों पर भी कार्रवाई तलवार लटक रही है।उच्च शिक्षा निदेशालय ने पिछले दिनों प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में जांच कराई थी। प्रदेश भर में कुल 11412 शिक्षकों की जांच की गई थी, जिसमें 27 मामले संदिग्ध पाए गए थे। यह जांच क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कराई गई थी। जांच के बाद जो रिपोर्ट निदेशालय को भेजी गई थी, उसमें नियुक्ति को लेकर संदेहास्पद, फर्जी पाए गए, अनियमित या अन्य कारण अंकित किए गए थे, लेकिन स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की गई थी। इस पर निदेशालय ने सभी 27 संदिग्ध मामलों की दोबारा जांच शुरू कराई और संदिग्ध शिक्षकों की फाइल समेत पूरी रिपोर्ट तलब कर ली।जांच में सामने आया है कि गौतमबुद्ध नगर स्थित मायावती राजकीय महिला महाविद्यालय, बादलपुर में तैनात एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह ने अनुसूचित जाति के आधार पर नेट का सर्टिफिकेट प्राप्त किया था, जबकि वास्तव में वह अनुसूचित जाति की नहीं हैं। जांच में यह खुलासा होने के बाद डॉ. आभा सिंह को निलंबित कर दिया गया और चार्जशीट जारी कर जवाब मांगा गया है। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो उनकी सेवा समाप्त की जा सकती है। उधर, संदिग्ध मिले अन्य मामलों की जांच भी की जा रही है। ऐसे में दूसरे शिक्षकों पर भी नियुक्ति में फजीवाड़े को लेकर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।‘जांच में मायावती राजकीय महिला महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह की नियुक्ति गलत पाई गई है। उन्हें निलंबित किया गया है और चार्जशीट देकर तीन माह में जवाब मांगा गया है। संदिग्ध मिले अन्य मामलों की जांच भी गहनता से की जा रही है। अगर अन्य मामलों में भी गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई होगी।’ -डॉ. वंदना शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक