प्रयागराज : असिस्टेंट प्रोफेसर अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंसी, एनआईसी के सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण अटका परिणाम
समाजशास्त्र विषय में 273 पदों पर भर्ती के लिए पूरी हो चुकी है काउंसलिंग
प्रयागराज। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 47 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र के 273 पदों पर नियुक्ति फंस गई है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) की ओर परिणाम के प्रारूप में किए गए बदलाव और एनआईसी के सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण परिणाम अटका गया है। मामले में उच्च शिक्षा निदेशक ने शासन और एनआईसी को पत्र भेजकर इससे अवगत करा दिया है।उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र के 273 पदों पर नियुक्ति के लिए चयनित अभ्यर्थियों की ऑनलाइन काउंसलिंग 25 से 28 अगस्त तक आयोजित की गई थी। काउंसलिंग में मुख्य सूची के साथ प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया था।निदेशालय ने ऑनलाइन काउंसलिंग का जो कार्यक्रम जारी किया था, उसके अनुसार 31 अगस्त को परिणाम जारी होना था और इसके साथ अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र भी दिया जाना था, लेकिन परिणाम अटक गया।दरअसल, इस बार यूपीएचईएससी ने परिणाम के प्रारूप में बदलाव कर दिया था। आयोग ने महिला महाविद्यालयों के लिए महिला श्रेणी के तहत 42 अभ्यर्थियों को चयनित करते हुए रिजल्ट तैयार किया। जबकि इससे पूर्व महिलाओं को भी रिजल्ट की ओपन कैटेगरी में शामिल कर लिया जाता था। ऐसे में महिला अभ्यर्थी काउंसलिंग के दौरान ओपन कैटेगरी में किसी भी महाविद्यालय का विकल्प भर देती थीं और महिला महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद खाली रह जाते थे।इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार आयोग ने रिजल्ट में महिला श्रेणी को भी शामिल कर लिया, ताकि महिला महाविद्यालयों में पद खाली न रहें। लेकिन, एनआईसी ने ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए जो सॉफ्टवेयर बनाया है, वह पुरानी व्यवस्था के तहत काम करता है। ऐसे में काउंसलिंग तो करा ली गई लेकिन परिणाम को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा ने बताया कि तकनीकी संशोधन के बाद ही परिणाम जारी किया जा सकेगा। परिणाम जारी होने की अग्रिम तिथि निदेशालय की वेबसाइट पर शीघ्र प्रदर्शित की जाएगी। सभी अभ्यर्थी वेबसाइट का नियमित अवलोकन करते रहें। निदेशक का कहना है कि उन्होंने शासन एवं एनआईसी को पत्र लिखा है। साथ ही एनआईसी के अफसरों से इस बारे में व्यक्तिगत रूप से भी बात की है, ताकि अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति मिल सके।