प्रयागराज : ऑनलाइन शिक्षा जागरूकता के अभाव में नहीं हो रहा प्रभाव, न अभिभावक ले रहे रुचि न बच्चे
प्रयागराज : कोरोना संक्रमण फैलने के साथ ही स्कूली शिक्षा ऑनलाइन कर दी गई। तमाम विद्यार्थियों के पास संसाधन की कमी आड़े आ रही है तो कुछ के पास संसाधन हैं भी तो वे उदासीन हैं। अभिभावक भी सजग नहीं हैं। वाट्सएप ग्रुप पर शिक्षक जब सवाल पूछते हैं तो उन्हें पखवारे बाद भी उत्तर नहीं मिलता है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
प्राथमिक विद्यालय गड़रा के इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिवभान सिंह ने बताया कि स्कूल में कुल 136 विद्यार्थी हैं जब कि वाट्सएप ग्रुप पर 20 विद्यार्थी जुड़े हैं। नियमित रूप से विषयवार वीडियो बनाकर ग्रुप में भेज रहे हैं। कई बार टेक्स मैसेज व वाइस मैसेज भी भेजते हैं लेकिन न तो अभिभावक रुचि लेते हैं और न बच्चे।
प्राथमिक विद्यालय गौहानी की इंचार्ज प्रधानाध्यापक सुचिता सिंह ने बताया कि 73 विद्यार्थी स्कूल में हैं, सिर्फ 10 वाट्सएप ग्रुप पर हैं। शुरू में तो तीन-चार बच्चों ने रिस्पांस दिया लेकिन अब कोई भी रिप्लाई नहीं करता। यहां तक कि ग्रुप में भेजे गए संदेश भी नहीं देखते।
प्राथमिक विद्यालय बघोलवा आदिवासी बस्ती के प्रधानाध्यापक डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 60 बच्चे विद्यालय में है। वाट्सएप से 18 विद्यार्थी जुड़े हैं लेकिन एक भी पठन पाठन को लेकर सक्रिय नहीं हैं। जितनी भी पाठ्य सामग्री भेजी जाती है उसे कभी न तो अभिभावक देखते हैं और न बच्चे। हां कुछ बच्चों के घर जाकर गृह कार्य दे आते हैं तो वे उसे कर लेते हैं। इस संबंध में अभिभावक भी जागरूक नहीं हो रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा देने में शिक्षकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।