प्रयागराज : असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए निदेशालय में प्रदर्शन
प्रयागराज। एक तरफ मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए हैं कि भर्ती प्रक्रिया छह माह में पूरी कराकर नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं, वहीं दूसरी ओर काउंसलिंग पूरी होने के बाद भी असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र के 273 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जा सका।क्षैतिज आरक्षण के फेर में असिस्टेंट प्रोफेसर के 3900 पदों पर भर्ती भी फंसी हुई है। ये सभी भर्तियां प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में होनी हैं।असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र के अभ्यर्थी कह रहे हैं कि अगर नियुक्ति पत्र समय से नहीं मिला तो वे आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे। वहीं, उच्च शिक्षा सहयोग संघ के बैनर तले प्रतियोगी छात्रों ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन कर असिस्टेंट प्रोफेसर के 3900 पदों पर शीघ्र भर्ती शुरू किए जाने की मांग की। कुछ हफ्तों पहले उच्च शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 1303 पदों पर भर्ती के लिए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को अधियाचन भेजा था। आयोग ने भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया और निदेशालय से कहा कि क्षैतिज आरक्षण का निर्धारण करने के बाद दोबारा अधियाचन भेजा जाए। निदेशालय ने फाइल शासन को भेज दी और फाइल शासन में ही अटकी हुई है।शुक्रवार को उच्च शिक्षा सहयोग संघ के अध्यक्ष जीएन शाक्या के नेतृत्व में प्रतियोगी छात्रों ने निदेशालय में प्रदर्शन कर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि इस मामले में जल्द ही कोई निर्णय नहीं हुआ तो 28 सितंबर से निदेशालय में बेमियादी धरना शुरू कर देंगे।उधर, असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र के चयनित 273 अभ्यर्थी विज्ञापन संख्या 47 के तहत चार साल से नियुक्ति मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इस भर्ती का विज्ञापन जुलाई-2016 में जारी किया गया था। उच्च शिक्षा निदेशालय ने अगस्त-2020 में चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग भी करा ली और 31 अगस्त को नियुक्ति पत्र जारी होना था, लेकिन इससे पहले ही तकनीकी अड़चन आ जाने से अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र फंस गया। इस मामले में भी निदेशालय ने शासन को फाइल भेजकर वहां से दिशा-निर्देश मांगे हैं। भर्ती की फाइल शासन में ही अटकी हुई है। काउंसलिंग को एक माह पूरे होने जा रहे हैं और अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र के लिए भटक रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि विज्ञापन संख्या 47 के तहत 33 विषयों में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा चुकी है, लेकिन समाजशास्त्र के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने में हीलाहवाली की जा रही है। अगर यही हालत रही तो अभ्यर्थी आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे।