गोरखपुर। कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी के करने के आरोप में निलंबित शिक्षकों पर कार्रवाई में हो रही देरी पर शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद विक्रम सिंह ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर ऐसे मामलों की जांच जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है। साथ ही बिना किसी समुचित कारण के अधिक समय तक शिक्षकों को निलंबित रखने पर कार्रवाई के लिए भी चेताया है। आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे मामलों की सूची तैयार कर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज जांच जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है।गोरखपुर जिले में निलंबित 25 शिक्षकों की जांच संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दी गई है। लेकिन रिपोर्ट जल्दी न तैयार होने से कार्रवाई नहीं हो पा रही है। वहीं जांच पूरी न होने से कुछ निर्दोष शिक्षक भी निलंबन झेल रहे हैं। ऐसे में जल्द रिपोर्ट मिलने से असली और नकली शिक्षकों का न केवल वर्गीकरण हो सकेगा। बल्कि दोषियों पर कार्रवाई का रास्ता खुलेगा।
*शिक्षा निदेशक के दौरे की तैयारियों में जुटा विभाग*
गोरखपुर बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों की स्थिति संतोषजनक नहीं मिलने पर खुद शिक्षा निदेशक बेसिक गोरखपुर और सिद्धार्थनगर जिले का औचक निरीक्षण करने वाले हैं। इसकी तैयारी में विभाग जुटा हुआ है। भीतरखाने विभाग की ओर से दो मामलों में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है, मगर कोई सफलता नहीं मिल रही है। न तो निलंबित शिक्षकों की जांच पूरी हो पा रही है और न ही बर्खास्त 22 शिक्षकों पर खंड शिक्षा अधिकारी मुकदमा दर्ज करा पा रहे हैं।
निलंबित शिक्षकों की जांच जल्द से जल्द से पूरी करने का निर्देश शिक्षा निदेशक बेसिक की ओर से मिला है। मामले पर शीघ्र कार्रवाई को लेकर खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया गया है। जल्द ही पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
- बीएन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी