कोरोना के कारण अभ्यर्थी नहीं जमा कर पाया था हार्ड कॉपी
हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग से मांगा जवाब
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने 22 सितंबर से होने वाली उप्र लोक सेवा आयोग की पीसीएस मुख्य परीक्षा के लिए फार्म की हार्ड कॉपी स्वीकार कर याची अभ्यर्थी को परीक्षा में शामिल करने का लोक सेवा आयोग को आदेश दिया है। अभ्यर्थी कंटेनमेंट जोन में फंसे होने के कारण ऑनलाइन आवेदन की हार्ड कॉपी जमा नहीं कर पाया था। निर्धारित अवधि के बाद जब इसे जमा करने गया तो आयोग ने स्वीकार नहीं किया, जिसपर उसने हाईकोर्ट की शरण ली।कोर्ट ने कहा कि विशेष स्थिति के कारण फार्म जमा करने में देरी हुई, जिस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था। आयोग दाखिल दस्तावेजों का सत्यापन कर मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति दे।कोर्ट ने आयोग से याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने प्रयागराज के सार्थक रहेजा की याचिका पर दिया है।प्रारंभिक परीक्षा में सफल याची ने मुख्य परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन भरा, जिसे डाउनलोड कर उसकी हार्ड कॉपी आयोग में 26 मार्च तक जमा करनी थी।याची का कहना है कि वह दिल्ली में था। कोरोना के चलते देशव्यापी लाकडाउन लागू कर दिया गया। इसके बाद वह कंटेनमेंट जोन में फंस गया। सारे शैक्षिक दस्तावेज प्रयागराज में थे। वह डाक से फार्म भेजने की स्थिति में नहीं था। लाकडाउन खुलने के बाद वह प्रयागराज आया और 15 दिन सेल्फ क्वारंटीन रहा ।उसी समय उसने हार्ड कॉपी डाक से भेजी, मगर विलंब होने के कारण आयोग ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया तो उसने कोर्ट की शरण ली। आयोग के अधिवक्ता का कहना है कि याची ने आनलाइन फार्म 27 फरवरी को ही डाउनलोड कर लिया था। उसे अंतिम तिथि तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं थी। आयोग ने 15 मई तक फार्म जमा करने की तिथि बढ़ा दी थी। फिर भी याची ने समय से फार्म जमा नहीं किया।