महराजगंज : डीआईओएस के फर्जी हस्ताक्षर से तीन लाख के भुगतान की कोशिश, शकील नाम के व्यक्ति के खाते में होना था हस्तांतरण, मुकदमा दर्ज
हिन्दुस्तान टीम ,महराजगंज | Published By: Ajay Singh
महराजगंज में डीआईओएस के फर्जी हस्ताक्षर से माध्यमिक शिक्षा विभाग के खाते से तीन लाख रुपये रुपये के भुगतान कराने की कोशिश का मामला जानकारी में आया है। इस मामले में डीआईओएस की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने शकील अहमद नाम के आरोपित के अलावा एक अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है।
16 सितंबर को पूर्वाह्न 11.22 बजे डीआईओएस अशोक कुमार सिंह के मोबाइल नम्बर से एसबीआई लखनऊ से फोन आया। विभाग के खाते से नगर सहकारी बैंक से जारी चेक के माध्यम से तीन लाख रुपया राजकीय धन की निकासी करने को लेकर पूछताछ की गई। डीआईओएस ने बताया कि तीन लाख रुपये के किसी भी चेक पर हस्ताक्षर नहीं करने की जानकारी देते हुए अपने अभिलेखों की फौरन जांच कराई।
फर्जी भुगतान कराने की कोशिश की आशंका पर डीआईओएस ने एसबीआई लखनऊ से भुगतान के लिए चेक को क्लीयर नहीं करने का अनुरोध किया। इसके बाद वह लेखाधिकारी के साथ महराजगंज के नगर सहकारी बैंक पहुंचे। भुगतान के लिए चेक व इन्वायस की जांच कराई तो दोनों पर उनका फर्जी हस्ताक्षर किया गया था। इतना ही नहीं जिस डिस्पैच नम्बर से डीआईओएस कार्यालय से चेक व इन्वायस नगर सहकारी बैंक को भेजा गया था वह भी फर्जी निकला। उस नम्बर से कोई भी पत्र जारी नहीं हुआ था। शकील अहमद नाम के एक शख्स के खाते में फर्जी भुगतान कराने का प्रयास जारी था। लेकिन बैंक की सतर्कता व व्यस्तता के बाद भी ऐन वक्त पर डीआईओएस द्वारा एसबीआई लखनऊ शाखा से आए फोन काल को रिसीव कर लेने से तीन लाख रुपया का फर्जी भुगतान होने से बच गया।
शकील का नाम आने से विभाग की भी बढ़ी मुश्किलें
माध्यमिक शिक्षा विभाग के खाते से जिस शकील अहमद नाम के शख्स के खाते में फर्जी ढंग से भुगतान का प्रयास किया जा रहा है उसी नाम का एक कर्मचारी डीआईओएस कार्यालय में भी तैनात है। समानता यह भी है कि दोनों के पिता का नाम भी एक ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि दोनों के बैंक खाते में भिन्नता है। कर्मचारी का बैंक खाता का नॅबर दूसरा है और जिस शकील अहमद के खाते में भुगतान का प्रयास हो रहा था उसका खाता अलग है। इससे विभाग की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रकरण में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस जांच शुरू कर दी है। अब जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि जिस शकील अहमद के नाम से भुगतान कराने का प्रयास हो रहा था वह शकील है कौन?
विभाग के संज्ञान के बिना तीन लाख रुपया सरकारी धन के भुगतान की कोशिश चेक के माध्यम से की जा रही थी। समय रहते मामला संज्ञान में आ गया। इससे भुगतान पर रोक लगाते हुए केस दर्ज कराया गया है। जिस चेक से भुगतान की कोशिश हो रही थी उसका सीरियल नम्बर काफी पुराना है। डिस्पैच नम्बर के अलावा मेरा फर्जी हस्ताक्षर भी किया गया था। पुलिस मामले की जांच कर सच्चाई को सामने लाएगी।
अशोक कुमार सिंह,डीआईओएस
डीआईओएस की तहरीर पर फर्जी ढंग से तीन लाख रुपये भुगतान कराने के प्रयास के मामले में शकील अहमद नाम के आरोपित के अलावा एक अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जांच शुरू कर दी गई है। शीघ्र ही मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
अखिलेश कुमार सिंह,कोतवाल