प्रयागराज : उच्च शिक्षा आयोग के विशेषज्ञों को हाईकोर्ट की चेतावनी
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2016 का प्रश्नपत्र तैयार करने वाले उच्च शिक्षा आयोग के विशेषज्ञों को चेतावनी दी है कि यदि उनके द्वारा आंसर की में दिए गए प्रश्न के उत्तर गलत साबित हुए तो कोर्ट उनको ब्लैक लिस्ट करने का आदेश देगा। इसके साथ ही कोर्ट ने यूजीसी को भी याचिका में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है, ताकि विवादित प्रश्नों के बारे में उनकी राय जानी जा सके।2016 भर्ती की अभ्यर्थी सरिता सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने दिया है।याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि याची ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2016 के लिए आवेदन किया था। लिखित परीक्षा में शामिल हुई। आयोग ने लिखित परीक्षा की आंसर की 22 अप्रैल 2019 को जारी की। याची ने सोशोलॉजी की ए सीरीज बुकलेट के प्रश्न संख्या 52 और नौ के उत्तरों पर आपत्ति की। मगर आयोग ने उसकी आपत्ति पर विचार किए बिना संशोधित आंसर की जारी कर दी। याची लिखित परीक्षा में तो सफल रही, मगर साक्षात्कार में चयन नहीं हो सका। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। अधिवक्ता का कहना था कि प्रश्न संख्या 52 यूजीसी नेट 2018 में भी पूछा गया था और यूजीसी ने याची के उत्तर को सही माना है, जबकि आयोग ने याची के उत्तर को गलत माना है। कोर्ट ने कहा कि यूजीसी विशेषज्ञ संस्था है जो उच्च शिक्षा आयोग के लिए भी गाइड लाइन बनाता है। कोर्ट ने याची को यूजीसी को याचिका में पक्षकार बनाने और उनको नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने आयोग के विशेषज्ञों को चेतावनी दी है कि यदि वह यूजीसी की गाइड लाइन का पालन में सक्षम साबित न हुए तो उनको ब्लैक लिस्ट करने का आदेश जारी किया जाएगा। याचिका की सुनवाई 17 नवंबर को होगी।