लखनऊ : अभिभावकों की सहमति बगैर नहीं खुलेंगे स्कूल, बच्चों की सुरक्षा को लेकर करने होंगे येे इंतजाम
वरिष्ठ संंवाददाता ,लखनऊ | राजधानी में बच्चों के अभिभावकों की सहमति के बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे। यह फैसला जिला प्रशासन ने बुधवार को स्कूल प्रबंधकों और अभिभावक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद लिया है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने साफ किया कि इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। उन्होंने इसे प्राथमिकता देने को कहा। डीएम ने बताया कि प्रथम चरण में कक्षा 10 व 12, द्वितीय चरण में कक्षा 9 व 11 और तृतीय चरण में फीड बैक आने के बाद छोटे बच्चों के विद्यालय खोलने पर निर्णय लिया जायेगा। डीएम ने कहा कि हर स्कूल में एक मेडिकल रूम बनाया जाए। इसमें दो बेड हो। चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही चिकित्सीय जानकारी रखने वाला व्यक्ति उपस्थित रहे।10 अक्तूबर तक इस विषय पर सुझाव मांगे जा रहे हैं। उसके बाद निर्देश जारी किए जाएंगे। शुरुआत में 10वीं, 12वीं, उसके बाद 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों को बुलाया जाएगा। तीसरे चरण में अन्य बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।
अभिषेक प्रकाश, डीएम,लखनऊ
स्कूलों के लिए जारी निर्देश
छात्र के कक्षा में आने व जाने के समय पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर से जांच की जाएं। सैनिटाइजर भी रहे
स्कूल दो शिफ्टों में 3-3 घण्टे का होगा। एसेम्बली नहीं होगी।
छात्रों के बैठने के स्थान पर, खेल के मैदान में सैनिटाइजेशन किया जाएगा।
खिड़कियां व दरवाजे खुले रखे जाएं
वाहन की क्षमता से आधे बच्चे ही बैठाए जाएं।
*बच्चों को स्कूल भेजने की पक्ष में नहीं हैं अभिभावक*
कई अभिभावक संगठनों की ओर से अभी स्कूल न शुरू किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इन संगठनों की मांग है कि जब तक वैक्सीन न आ जाए, बच्चों के जीवन को खतरे में न डाला जाए।
अभी स्थितियां अच्छी नहीं है। बच्चों की जान को जोखिम में डालना ठीक नहीं होगा। फिलहाल, स्कूल न खोले जाएं।
राकेश सिंह, अध्यक्ष, लखनऊ अभिभावक विचार परिषद
निजी स्कूल प्रबंधन सिर्फ अपना लाभ देख रहे हैं। उन्हें बच्चों की चिंता नहीं है। अभिभावकों पर सहमति देने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है।
प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष, अभिभावक कल्याण संघ
इन प्रबंधनों ने स्कूल खोलने से किया इनकार
एलपीएस : निदेशिका रश्मि पाठक ने बताया कि उन्होंने अभिभावकों से सहमति मांगी थी। बहुमत में अभिभावकों ने असहमति जताई है। इस वजह से ही फिलहाल स्कूल न शुरू करने का फैसला लिया है।
जीडी गोयनका : चेयरमैन सर्वेश गोयल ने बताया कि मौजूदा संक्रमण के मामलों को देखते हुए अभी स्कूल नहीं शुरू करने का निर्णय लिया है।
स्कूल शुरू करने के पक्ष में प्रबंधनों का तर्क
15 अक्तूबर से स्कूल शुरू करने पर निजी स्कूलों के संगठनों का कहना है कि परीक्षा शुरू होने जा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पर शासन के निर्देशों के हिसाब से ही स्कूल शुरू किए जाएंगे।
सैनिटाइजेशन से लेकर थर्मल स्कैनिंग तक की व्यवस्था है। शासन के निर्देश का पालन करते हुए ही स्कूल शुरू किए जाएंगे। लेकिन, प्रबंधन जिम्मेदारी नहीं लेगा।
अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
बच्चों की सुरक्षा के लिये सभी सावधानियां बरती जा रही हैं। ऐसे में स्कूल शुरू करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
आनंद द्विवेदी, अध्यक्ष, स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन