लखनऊ : यूपी में मदरसा के छात्र अब मोबाइल एप से सीखेंगे दीनी तालीम
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ | समय के साथ न केवल दुनियावी तालीम, बल्कि दीनी तालीम का भी तरीका बदल रहा है। अब मदरसा छात्र जल्द ही अपने मोबाइल पर एप के जरिए दीनियात की बारीकियां सीखेंगे।मोबाइल एप पर मदरसा पाठ्यक्रम में शामिल एनसीईआरटी की किताबें भी उपलब्ध होंगी। मोबाइल एप तैयार करने की जिम्मेदारी यूपी डिस्को को सौंपी गई है। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों के लाखों छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा। वह अब मोबाइल एप पर एनसीईआरटी की किताबों से तालीम हासिल कर सकेंगे।तैतानिया और फोकानिया के बच्चों को हिंदी अंग्रेजी गणित सामाजिक विज्ञान की शिक्षा बेसिक शिक्षा परिषद की है किताबों से दी जाती रही है। बेसिक शिक्षा विभाग सर्व शिक्षा अभियान के तहत निशुल्क किताबें उपलब्ध कराता है।आलिया व उच्च स्तर के मदरसों में विकल्प के तौर पर शामिल गणित विज्ञान व कंप्यूटर इतिहास भूगोल विषयों को बतौर अनिवार्य विषय लागू करते हुए सभी स्तर के मदरसों में आधुनिक विषयों के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने के मदरसा बोर्ड के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दी थी। तय हुआ था कि हिंदी व अंग्रेजी को छोड़कर सभी विषयों की किताबें उर्दू में होंगी ताकि उर्दू को मजबूती मिलने के साथ ही उड़ बोर्ड का औचित्य भी बरकरार रहे।
गैर अनुदानित मदरसों को लाभ
पाठ्यक्रम लागू होने के बाद भी मदरसों को एनसीईआरटी की किताबें मुहैया नहीं हो पा रही हैं। बीते वर्ष मदरसा बोर्ड ने अनुदानित मदरसों को किताबें निशुल्क उपलब्ध करवाई थी जबकि, गैर अनुदानित मदरसों को एनसीईआरटी की किताबें नही मिल सकी थी। वहीं, मोबाइल एप पर एनसीईआरटी पाठ्यक्रम उपलब्ध होने का सबसे बड़ा फायदा गैर अनुदानित मदरसों को होगा। बच्चों को किताबों के लिए भटकना नही पड़ेगा। वहीं एप पर दीनियात की किताबें भी मिलना आसान होगा।मोबाइल एप को मदरसा पोर्टल से जोड़ा जाएगा। मदरसों को एप का लिंक भेजकर सभी को एप से जोड़ा जाएगा। एप का मकसद ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही बच्चों को शिक्षा सामग्री आसानी से मुहैया कराना है। सरकार ने एप तैयार करने जिम्मेदारी यूपी डेसस्को को दी है। - आरपी सिंह, रजिस्ट्रार, उप्र मदरसा शिक्षा परिषद