लखनऊ : आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार की गुणवत्ता जांचेगी अंतर विभागीय समिति
लखनऊ : सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार आपूर्ति व उसकी गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए अंतर विभागीय समिति गठित करने जा रही है। समिति पोषाहार वितरण का कैलेंडर तय करेगी। साथ ही योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया (एसओपी) का भी निर्धारण करेगी। उच्चस्तरीय समिति में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव नामित किए जाएंगे।
सरकार ने पहली बार सभी 75 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार वितरण का काम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संचालित महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंप दिया है। पहले यह काम टेंडर के जरिए दिया जाता था। इसमें बड़े-बड़े पंजीरी सिंडीकेट आ जाते थे। अब स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को यह काम दिया गया है। पूरे प्रदेश में पोषाहार उत्पादन व वितरण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में दो वर्ष का समय लग सकता है। तब तक आंगनबाड़ी केंद्रों की लाभार्थियों को कच्चा राशन दिया जाएगा।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन विकास खंड स्तर पर पुष्टाहार उत्पादन की अवस्थापना विकास होने तक महिला स्वयं सहायता समूहों को मुख्य सामग्री गेहूं व चावल आदि भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से तथा प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन के जरिये देसी घी व मिल्क पाउडर उपलब्ध कराया जाएगा। दाल की खरीद महिलाएं स्थानीय स्तर पर करेंगी। इसके बाद निर्धारित मात्र में वजन व पैकेजिंग भी करेंगी। सरकार ने इन सब पर नजर रखने को उच्चस्तरीय अंतर विभागीय समिति गठित करने का निर्णय लिया।