लखनऊ : संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाएं - योगी
संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की जरूरत के अनुरूप उनके लिए रहने और भोजन आदि की व्यवस्था की जाए
संस्कृत विद्यालयों में पारम्परिक पठन-पाठन के साथ-साथ विज्ञान, कम्प्यूटर तथा गणित की शिक्षा प्रदान करना भी आवश्यक
विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए कृतसंकल्पित है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की जरूरत के अनुरूप उनके लिए रहने और भोजन आदि की व्यवस्था की जाए। इस संबंध में स्वयं सेवी संस्थाओं और सीएसआर फण्ड का सहयोग भी प्राप्त किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के सकारात्मक रुख के कारण ही माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन संभव हुआ है। माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के गठन से परीक्षाएं समय पर सम्पन्न हो रही हैं और इनके परिणाम भी समय पर आ रहे हैं।परिषद की वेबसाइट को लान्च करते हुए संस्कृत को तकनीक के साथ जोड़ने का काम किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत के उन्नयन के लिए जरूरी है कि इसको आधुनिकता से जोड़ा जाए। संस्कृत विद्यालयों का पाठ्यक्रम ऐसा होना चाहिए, जिससे शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाते हुए विद्यार्थियों का भविष्य भी बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि दुनिया मान रही है कि संस्कृत ही कम्प्यूटर की सबसे सुगम भाषा हो सकती है। इसलिए संस्कृत विद्यालयों में पारम्परिक पठन-पाठन के साथ-साथ विज्ञान, कम्प्यूटर और गणित की शिक्षा प्रदान करना भी आवश्यक है। इसके माध्यम से संस्कृत का आधुनिकता व पुरातन के साथ सामंजस्य स्थापित हो सकेगा।