प्रयागराज : 2020 की भर्ती में टीजीटी जीव विज्ञान को करेंगे शामिल
प्रयागराज वरिष्ठ संवाददाता उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की बैठक अध्यक्ष वीरेश कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) 2020 भर्ती में टीजीटी जीव विज्ञान को शामिल करने पर सहमति बनी। टीजीटी जीव विज्ञान को शामिल करने के पीछे दो कारण है। एक तो सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सभी तदर्थ शिक्षकों से नई भर्ती में आवेदन लेने के आदेश दिए हैं।लेकिन चयन बोर्ड की ओर से 29 अक्तूबर को शुरू हुई 15,508 शिक्षकों की भर्ती में जीव विज्ञान विषय बाहर करने से इस विषय के तदर्थ शिक्षक भी बाहर हो रहे हैं, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी। दूसरा बड़ा कारण इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन न होना है। यूपी बोर्ड ने 1998 में हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान विषय को समाप्त कर दिया था। लेकिन उसके बाद से लगातार इस विषय के शिक्षकों की भर्ती होती आ रही है।2018 में इसी आधार पर चयन बोर्ड ने टीजीटी जीव विज्ञान 2016 का विज्ञापन निरस्त कर दिया था। उस वक्त यूपी बोर्ड ने नियमावली में विषय संबंधी संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजा था जो आज तक मंजूर नहीं हुआ। ऐसे में बिना नियमावली में संशोधन हुए टीजीटी जीव विज्ञान को बाहर नहीं किया जा सकता। तय किया गया कि 10-15 दिनों में जिला विद्यालय निरीक्षकों से अधियाचन मंगाकर भर्ती में अवसर दिया जाएगा। टीजीटी-पीजीटी 2016 के चयनित शिक्षकों को स्कूलों में कार्यभार ग्रहण न कराने के मामले में चयन बोर्ड ने डीआईओएस को जल्द कड़ा पत्र जारी करने का निर्णय लिया है।चयन बोर्ड का कहना है कि उनका काम चयन करना है। कार्यभार ग्रहण कराना डीआईओएस की जिम्मेदारी है। यदि कोई पद खाली नहीं है तो उसी जिले में उस विज्ञापन के रिक्त दूसरे पद पर समायोजन का अधिकार डीआईओएस को है। यदि डीआईओएस समायोजन का प्रस्ताव भेजते हैं तो चयन बोर्ड को अनुमति देने में कोई आपत्ति नहीं होगी।
भर्ती समय से करना होगी बड़ी चुनौती
टीजीटी जीव विज्ञान को शामिल करने के बाद नई भर्ती समय से पूरी करना चयन बोर्ड के लिए चुनौती होगा। नए सिरे से रिक्त पदों की सूचना मंगाकर जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों को अवसर देने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ानी होगी। हो सकता है कि पूर्व में मिले टीजीटी विज्ञान के अधियाचन में जीव विज्ञान के पद भी शामिल हों। ऐसे में उन पदों को अलग करना पड़ेगा। इस सबमें समय लगेगा। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2021 तक भर्ती पूरी करने के आदेश दिए हैं।