महराजगंज के शिक्षक के नाम पर बस्ती में कर रहा था नौकरी
पर्दाफाश
बस्ती | निज संवाददाता
पैनकार्ड के सत्यापन में बस्ती जिले में दूसरे शिक्षक के शैक्षिक अभिलेख पर नौकरी हथियाने वाले नटवरलाल का पर्दाफाश हुआ है। बीएसए जगदीश शुक्ल ने बताया कि महराजगंज में कार्यरत शिक्षक मार्कण्डेय त्रिपाठी के शैक्षिक व अन्य प्रमाण पत्रों का गलत तरीके से प्रयोग कर नौकरी हासिल करने वाला शिक्षक वर्तमान में बनकटी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पड़री में सहायक अध्यापक पद पर
फर्जीवाड़ा
पैन कार्ड की जांच में ग्यारह साल बाद पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
•बनकटी ब्लॉक के प्राइमरी पड़री में सहायक अध्यापक था फर्जी शिक्षक
असली शिक्षक मार्कण्डेय महराजगंज के नौतनवां ब्लॉक में हैं कार्यरत
कार्यरत था।
सेवा समाप्त करने के साथ ही बीईओ बनकटी को उसके खिलाफ
संतकबीटनगट का दर्ज पता निकला फर्जी
बस्ती के बनकटी ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल पड़री में कार्यरत मार्कण्डेय त्रिपाठी ने अपना पता संतकबीरनगर जिले में ग्राम परसाभारी पोस्ट मुक्ता दर्ज किया है। वैरीफिकेशन में पता चला कि इस गांव में इस नाम का कोई आदमी ही नहीं रहता है। बीएसए स्तर से हुई जांच में यह साफ हो गया कि बनकटी ब्लॉक के पड़री प्राइमरी में कार्यरत सहायक अध्यापक मार्कण्डेय त्रिपाठी ने महराजगंज के नौतनवां के शिक्षक के प्रमाणपत्रों का गलत तरीके से प्रयोग कर नौकरी हथियाई है। उसे बर्खास्त कर विभागीय | कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया
गया है। साथ ही अब तक विभागीय स्तर से आहरित वेतन की रिकवरी के लिए नियमानुसार प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
शासन के निर्देश पर शिक्षिकों के
पैन कार्ड सत्यापन के दौरान बीकेटी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पड़री के सहायक अध्यापक | मार्कण्डेय त्रिपाठी संदेह के घेरे में आने के बाद जांच में फर्जी होने की पुष्टि हुई। बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज कराने और वेतन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।" -जगदीश शुक्ल, बीएसए, बस्ती
पैन कार्ड सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। बेसिक शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले के आधा दर्जन शिक्षक इस फर्जीवाड़े में अब तक बर्खास्त किए जा चुके हैं। इसके साथ ही विभागीय स्तर से चिह्नित संदिग्धों का
वैरीफिकेशन व जांच कराई जा रही है। इस सूची में बीकेटी ब्लॉक के पड़री प्राइमरी में तैनात सहायक अध्यापक मार्कण्डेय त्रिपाठी का नाम भी शामिल था।
पैनकार्ड पूरी तरह बदले जाने के
कारण जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि 2009 में भर्ती पाने मार्कण्डेय त्रिपाठी 2013 में आजमगढ़ से स्थानांतरित होकर बस्ती में आए थे। जबकि इस नाम के असली शिक्षक महराजगंज जिले के नौतनवां ब्लॉक में कार्यरत हैं। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नोटिस जारी की गई। लेकिन नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। बीएसए स्तर से गठित टीम ने जब शैक्षिक अभिलेखों की जांच शुरू की तो दूसरे के नाम पर नौकरी हथियाने की सच्चाई सामने आ गई। अब तक आहरित वेतन की रिकवरी के लिए नियमानुसार प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।