प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए जारी प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता के 15508 पदों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। एक ही शिक्षक भर्ती में चयन के अलग-अलग मानक होने के कारण चयन बोर्ड ने महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश सरकार की सलाह पर भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करते हुए इन पदों के लिए नया विज्ञापन जारी करने की बात कही है।चयन बोर्ड का कहना है कि तदर्थ शिक्षकों एवं नए अभ्यर्थियों के लिए होने वाले चयन में अलग-अलग अंक देने की व्यवस्था में सुधार करने तथा जीव विज्ञान विषय को शामिल करने के लिए विज्ञापन निरस्त करके यह प्रक्रिया दोबारा की जाएगी। चयन बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अब तक इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाधिवक्ता की विधिक राय के बाद यह निर्णय लिया गया। चयन बोर्ड की वर्चुअल बैठक में सभी सदस्य एवं उप सचिव नवल किशोर शामिल हुए। चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रतियोगियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सिविल अपील संजय सिंह बनाम उत्तर प्रदेश शासन में सर्वोच्च न्यायालय के 26 अगस्त 2020 के आदेेश के अनुपालन में विज्ञापन संख्या 1/2020 टीजीटी एवं 2/2020 प्रवक्ता के 29 अक्तूबर को जारी विज्ञापन को निरस्त किया जाता है। नया विज्ञापन जल्द ही जारी किया जाएगा।
*कोर्ट के आदेश के बाद भी 2011 प्रधानाचार्य का रिजल्ट नहीं*
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2011 में विज्ञापित प्रधानाचार्य के पदों के लिए साक्षात्कार पूरे हुए कई वर्ष बीत जाने के बाद भी रिजल्ट जारी नहीं किया गया। कोर्ट की ओर से चयन बोर्ड को प्रधानाचार्य के पदों को रिजल्ट जारी करने के आदेश के बाद भी कोई प्रगति नहीं हो रही। 2013 में विज्ञापित प्रधानाचार्य के पदों के लिए आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग के बाद भी उनका साक्षात्कार नहीं कराया जा रहा है। अभ्यर्थियों के बार-बार धरना प्रदर्शन के बाद भी चयन बोर्ड मौन साधे है।