महराजगंज : बीएसए को ज्ञापन देकर जीपीएफ की रकम वापसी की मांग उठाई
महराजगंज। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा शिक्षक भुगत रहे हैं। हालत यह है कि शिक्षकों का जीपीएफ के करोड़ों रुपये गोरखपुर में फंसे हैं। रकम के लिए शिक्षक नेता जद्दोजहद कर रहे हैं।
इन दिनों यह मामला तूल पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर घमासान मचा है। बुधवार को प्राथमिक शिक्षक संघ एवं जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीएसए, वित्त एवं लेखाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर समस्या के समाधान की मांग की।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष केशव मणि त्रिपाठी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में एक अप्रैल 2005 के पूर्व नियुक्त जीपीएफ आच्छादित शिक्षकों को आवेदन के महीनों बाद भी जीपीएफ ऋण नहीं मिल पा रहा है। दूसरी ओर सेवानिवृत्त शिक्षकों के अंतिम भुगतान में देरी हो रही है। जीपीएफ के करोड़ों रुपये गोरखपुर में फंसे हैं। वरिष्ठ उपाध्यक्ष बैजनाथ सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों के जीपीएफ कटौती को इकट्ठा कर भुगतान दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कार्यरत शिक्षकों के जीपीएफ लेजर पर लाखों रुपये अंकित तो होते हैं, लेकिन ट्रेजरी के खाते में बैलेंस शून्य है। ऐसे में शिक्षकों को जीपीएफ ऋण लेने में परेशानी हो रही है।
सदर ब्लॉक मंत्री अखिलेश पाठक ने कहा कि दो अक्तूबर 1989 को जनपद गोरखपुर से अलग होकर नव सृजित जनपद महराजगंज बना। जिले में कार्यरत शिक्षकों के जीपीएफ कटौती की धनराशि 1991-92 में लगभग 15 करोड़ 98 लाख मिलने चाहिए थे, लेकिन अवशेष धनराशि में से मात्र तीन करोड़ ही महराजगंज को अब तक प्राप्त हुआ है।
वर्ष 2001 तक जीपीएफ पर ब्याज की दर 12 प्रतिशत रही है। यह लगभग आठ प्रतिशत है। इस ऊंची ब्याज दर के कारण महराजगंज के बेसिक शिक्षकों की 1990-91 में अवशेष धनराशि 12 करोड़ 98 लाख अब बढ़कर लगभग 98 करोड़ हो चुकी है। जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. त्रिभुवन नारायण गोपाल ने कहा कि जीपीएफ की रकम वापस नहीं आई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
इस दौरान जिला मंत्री सत्येंद्र मिश्र, उपेंद्र पांडेय, राघवेंद्र पटेल, राघवेंद्र पांडेय, मनौवर अली, धन प्रकाश त्रिपाठी, अलाउद्दीन खान, अभय दूबे, गोपाल पासवान, पीके सिंह आदि मौजूद रहे।
Amar Ujala