लखनऊ : छात्राओं के परीक्षा केंद्र भी 10 से 12 किमी दूर हो गए प्रस्तावित
प्रमुख संवाददाता,लखनऊ | माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2021 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण को लेकर शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ज्यादातर जिलों से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि छात्राओं के परीक्षा केंद्र 10 से 12 किलोमीटर दूर बनाने के प्रस्ताव भेज दिए गए हैं, जबकि शासन ने इसके लिए पांच किलोमीटर का मानक तय कर रखा है। जिले स्तर के बाद अब बोर्ड स्तर पर भी ऐसी शिकायतें पहुंची हैं। परीक्षा केंद्रों की सूची 22 फरवरी को जारी होने वाली है।शासन स्तर पर पहुंची शिकायतों को देखते हुए ही अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने पिछले दिनों सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि बोर्ड को परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची भेजने से पहले केंद्र निर्धारण के संबंध में मिल रही सभी शिकायतों की जांच करा ली जाए। शासन को ऐसी शिकायतें मिली थीं कि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण मानकों के विपरीत किया गया है और मानक पूर्ण करने वाले विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है। इसके अलावा ऐसी शिकायतें भी मिली थीं कि परीक्षा केंद्रों की धारण क्षमता से अधिक परीक्षार्थियों का आवंटन किया गया है और शासनादेश द्वारा निर्धारित दूरी से अधिक दूरी पर परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र आवंटित किया गया है। शासन के इस आदेश के बाद जब जिलों ने बोर्ड को सूची भेजी तो वहां भी शिकायतें पहुंचने लगीं।
बोर्ड ने केंद्रों के बारे में आपत्तियां देने के लिए 18 फरवरी तक का समय दिया था। सूत्रों के अनुसार बोर्ड के पास सभी जिलों से 500 से ज्यादा आपत्तियां पहुंची हैं। अब बोर्ड स्तर पर गठित केंद्र निर्धारण समिति द्वारा इन आपत्तियों का परीक्षण कर लिए जाने के बाद 22 फरवरी को अंतिम तौर पर परीक्षा केंद्रों की सूची जारी होने वाली है। आपत्ति करने वाले विद्यालयों का कहना है कि बोर्ड के अधिकारी जिलों से भेजी गई सूची में फेरबदल करने को तैयार नहीं हैं, जबकि ज्यादातर आपत्तियां परीक्षा केंद्रों की दूरी को लेकर है। ग्रामीण इलाकों के इन विद्यालयों का कहना है कि उनके यहां पढ़ने वाली छात्राओं का परीक्षा केंद्र 10 से 12 किलोमीटर दूर प्रस्तावित कर दिया गया है, जबकि उनके इलाकों में आवागमन का साधन भी नहीं है। कई विद्यालयों ने तो छात्राओं के लिए स्वकेंद्र की मांग भी की है। उनका कहना है कि जिले स्तर पर उनकी आपत्तियों का संज्ञान नहीं लिया गया।