लखनऊ : योगी सरकार से समूह ग के 50000 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ, अभ्यर्थियों को अंग्रेजी का ज्ञान जरूरी
लखनऊ,लखनऊ | राज्य सरकार ने समूह ग के 50,000 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का रास्ता साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत होने वाली प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पेट) के पाठ्यक्रम व परीक्षा योजना संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें समूह ग के पदों पर भर्ती के लिए अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी होगा। पाठ्यक्रम व परीक्षा योजना को आयोग की वेबसाट http://upsssc.gov.in पर देखा जा सकता है।यूपीएसएसएससी के अध्यक्ष प्रवीर कुमार के मुताबिक द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के अंतर्गत आयोग की परिधि में आने वाले सभी पदों पर चयन के लिए अभ्यर्थियों को प्रारंभिक अर्हता परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा। इस परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर विभिन्न पदों पर आयोजित की जाने वाली मुख्य परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को चुना जाएगा। द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली केवल उन्हीं पदों पर चयन के लिए मान्य होगी जिनके लिए भविष्य में विज्ञापन निकाला जाएगा। पूर्व में जारी विज्ञापन में घोषित प्रक्रिया के अनुसार ही परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
अर्हता परीक्षा इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए ली जाएगी कि इसके माध्यम से अभ्यर्थियों की स्मरण शक्ति का परीक्षण हो सके। उनकी तर्क एवं तर्कशक्ति, उसकी समझ व विवेचना क्षमता का भी परीक्षण किया जा सके। परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों की उन क्षमताओं का आंकलन किया जाएा जो सामान्यत: समूह ग के शासकीय कर्मचारियों के लिए जरूरी होता है।
परीक्षा में इससे जुड़े सवाल पूछे जाएंगे
-परीक्षा में भारतीय इतिहास, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भूगोल, भारतीय अर्थव्यवस्था के जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। भारतीय संविधान एवं लोक प्रशासन, सामान्य विज्ञान, प्रारंभिक अंकगणित, सामान्य हिंदी, सामान्य अंग्रेजी पर आधारित 45 प्रश्न पूछे जाएंगे। (इनमें से सभी विषयों के पांच प्रश्न होंगे।) इन शैक्षणिक विषयों के संबंधित प्रश्नों की कठिनाई का स्तर राष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद द्वारा निर्धारित सेकेंड्री व सीनियर सेकेंड्री स्तर का होगा।
-परीक्षा में पांच प्रश्न तर्क एवं तर्कशक्ति पर आधारित होंगे। परीक्षा में सामयिकी व सामान्य जागरूकता पर आधारित 10-10 प्रश्न होंगे। परीक्षा में दो अपठित हिंदी गद्यांशों के विवेचन व विश्लेषण पर आधारित 10 प्रश्न होंगे। परीक्षा में दो ग्राफ की व्याख्या एवं विश्लेषण पर आधारित 10 प्रश्न होंगे। परीक्षा में दो तालिकाओं की व्याख्या एवं विश्लेषण पर आधारित 10 प्रश्न होंगे।
ऐसी होगी परीक्षा
- प्रारंभिक अर्हता परीक्षा का आयोजन वार्षिक आधार पर किया जाएगा
- परीक्षा दो घंटे की वस्तुनिष्ठ प्रकृति की बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगी
- परीक्षा में कुल 100 प्रश्न पूछे जाएंगे
- प्रत्येक गलत उत्तर पर निगेटिव मार्किंग की जाएगी यानी 1/4 अंक की कटौती की जाएगी
अप्रैल या मई में परीक्षा की तैयारी
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने प्रारंभिक अर्हता परीक्षा पाठ्यक्रम घोषित करने के साथ ही परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग अप्रैल या मई में परीक्षा कराना चाहता है। परीक्षा में 25 से 30 लाख परीक्षार्थियों के बैठक का अनुमान लगाया जा रहा है।
महत्वपूर्ण खाली पदों का ब्योरा
- लेखपाल 7882
- बेसिक शिक्षा 1055
- माध्यमिक शिक्षा 500
- विभिन्न विभागों में लिपिक 7000
- लेखा परीक्षक 1303
- ग्राम्य विकास 1658
- परिवार कल्याण 9222
- बाल विकास पुष्टाहार 3448
- नगर निकाय 383