गोरखपुर : यूपी के मदरसों में अब फ्री नहीं होगी पढ़ाई, जानिए कैसे तय हो रही है फीस
मुख्य संंवाददाता ,गोरखपुर | मदरसा शिक्षा परिषद ने मदरसों के लिए शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी है। अब मदरसों में निशुल्क पढ़ाई नहीं होगी बल्कि मान्यता प्राप्त और गैर अनुदानित मदरसे शुल्क का निर्धारण कर सकेंगे। शुल्क लगाने से गोरखपुर के 30 हजार छात्र और अभिभावक प्रभावित होंगे। मदरसा शिक्षा परिषद ने आश्वस्त किया है कि शुल्क अन्य निजी विद्यालयों की अपेक्षा कम ही लिया जाएगा।उत्तर प्रदेश में यह पहली बार होगा कि मदरसों के छात्रों से किसी तरह का शुल्क लिया जाएगा। अब तक मदरसों में छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा मिलती थी। मदरसा प्रबंधन को शैक्षिक सत्र शुरू होने के एक महीने पहले छात्रों से लिए जाने वाले शुल्क का अनुमोदन करना होगा। अगले शैक्षिक सत्र में प्राइवेट स्कूलों की तरह मदरसों में भी पहले से निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। मदरसा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने सभी अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भेजकर शुल्क लिए जाने के निर्णय से अवगत करा दिया है। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी आशुतोष कुमार पाण्डेय ने कहा कि शुल्क प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले काफी कम होगा।
ऐसे होगा शुल्क का निर्धारण
परिषद ने शुल्क संग्रह की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया है। शुल्क संरचना का निर्धारण करते समय क्षेत्रीय असमानता, आर्थिक विषमता और शैक्षिक स्तर का भी विशेष ध्यान रखना होगा। रजिस्ट्रेशन शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क, संयुक्त वार्षिक शुल्क एवं विकास शुल्क लिया जा सकेगा। विद्यार्थियों को फीस की रसीद देनी होगी। हालांकि यह शुल्क प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले काफी कम होगी।
अब तक चंदे से चलते रहे हैं मदरसे
गोरखपुर में दस अनुदानित और दौ सौ मान्यता प्राप्त व गैर अनुदानित मदरसे हैं जिनमें तकरीबन 32 हजार से ज्यादा बच्चे बढ़ते हैं। अब तक मदरसे लोगों से मिलने वाले चंदे से चलते हैं। पढऩे वाले बच्चों से किसी तरह ही फीस नहीं ली जाती है। हास्टल में रहने वाले बच्चों के लिए भी खाने व रहने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।