लखनऊ : यूपीएसएसएससी परीक्षा के पाठ्यक्रम व योजना में बदलाव को योगी सरकार की मंजूरी, अब अंग्रेजी होगी जरूरी, अधिसूचना जारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शनिवार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के अंतर्गत प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पेट) के पाठ्यक्रम व परीक्षा योजना में बदलाव को मंजूरी दे दी है। जिसकी अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गई है।इस परीक्षा प्रणाली के अंतर्गत आयोग की परिधि में आने वाले समस्त पदों पर चयन के लिए अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (पेट) में भाग लेना अनिवार्य होगा। इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही अभ्यर्थियों को विभिन्न पदों के लिए आयोजित की जाने वाली मुख्य परीक्षाओं के लिए शार्टलिस्ट किया जाएगा।बता दें कि परीक्षा में पांच अंक सामान्य अंग्रेजी के लिए रखे गए हैं जिससे कि चयनित कर्मचारी द्वारा अंग्रेजी में प्राप्त पत्रों व कोर्ट के आदेशों को पढ़ा और समझा जा सके। जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि परीक्षा का उद्देश्य केवल अभ्यर्थियों की स्मरण शक्ति का परीक्षण ही न हो बल्कि तर्कशक्ति, समझ और विश्लेषण क्षमता का आकलन किया जाए। बता दें कि यह पहली बार होगा जब लिखित परीक्षा में अंग्रेजी से जुड़े प्रश्न भी शामिल किए जाएंगे। गलत उत्तर देने पर निगेटिव मार्किंग होगी।
*प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा का पाठ्यक्रम और परीक्षा कार्यक्रम इस प्रकार है*
- प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (PET) का आयोजन वार्षिक आधार पर किया जाएगा।
- परीक्षा की अवधि दो घंटे (120) मिनट होगी।
- यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकृति की बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगी।
- परीक्षा में कुल 100 प्रश्न (प्रत्येक प्रश्न का एक अंक) व कुल अधिकतम प्राप्तांक 100 होंगे।
- प्रत्येक गलत उत्तर पर 1/4 अंक की कटौती की जाएगी।
- परीक्षा में भारतीय इतिहास, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भूगोल, भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय संविधान एवं लोक प्रशासन, सामान्य विज्ञान, प्रारम्भिक अंकगणित, सामान्य हिंदी व सामान्य अंग्रेजी पर आधारित 45 प्रश्न होंगे। इन शैक्षणिक विषयों से संबंधित प्रश्नों की कठिनाई का स्तर राष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (NCERT) द्वारा निर्धारित सेकेंड्री/ सीनियर सेकेंड्री स्तर का होगा।
- परीक्षा में पांच प्रश्न तर्क एवं तर्कशक्ति पर आधारित होंगे।
- परीक्षा में सामयिकी (Current Affairs) व सामान्य जागरुकता पर आधारित 10-10 प्रश्न होंगे।
- परीक्षा में 2 अपठित हिंदी गद्यांशों के विवेचन एवं विश्लेषण पर आधारित 10 प्रश्न होंगे।
- परीक्षा में 2 ग्राफ की व्याख्या एवं विश्लेषण पर आधारित 10 प्रश्न होंगे।
- परीक्षा में 2 तालिकाओं की व्याख्या एवं विश्लेषण पर आधारित 10 प्रश्न होंगे।