इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई वसूली की शिकायत, शासन के निर्देश पर गोंडा के BSA निलंबित
वसूली को लेकर वायरल सूची का संज्ञान लेकर डीएम ने कराई थी जांच, शासन को भेजी थी रिपोर्ट।
बेसिक शिक्षा विभाग ने जनवरी में जिले के विभिन्न स्कूलों में तैनात 1085 शिक्षकों का अंतरजनपदीय तबादला किया था। इन शिक्षकों को संबंधित जिलों के लिए कार्यमुक्त करने का आदेश शासन ने बीते दिनों दिया था। एक फरवरी से शिक्षकों को कार्यमुक्त करने की कार्यवाही शुरू की गई।
गोंडा, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में हुए अंतरजनपदीय तबादले के बाद शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया था। इसमें डीएम ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध मानते हुए जांच कराई थी। साथ ही शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इस पर बीएसए को निलंबित कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने जनवरी में जिले के विभिन्न स्कूलों में तैनात 1085 शिक्षकों का अंतरजनपदीय तबादला किया था। इन शिक्षकों को संबंधित जिलों के लिए कार्यमुक्त करने का आदेश शासन ने बीते दिनों दिया था। एक फरवरी से शिक्षकों को कार्यमुक्त करने की कार्यवाही शुरू की गई। इसमें वजीरगंज बीआरसी पर शिक्षकों से वसूली का पर्चा वायरल हुआ था। इसके अलावा बीएसए कार्यालय पर रिलीविंग में अनियमितता की गई थी। भोर में चार बजे तक अध्यापकों को कार्यमुक्त आदेश दिया था। इस पर शिक्षकों ने हंगामा किया था।
डीएम मार्कण्डेय शाही को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. इंद्रजीत प्रजापति के कार्यालय में तैनात अधीनस्थों के माध्यम से पैसे लेने की शिकायत इंटरनेट मीडिया के जरिए दी गई थी। इसमें बीएसए के अलावा उनके कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक जनमेजय सिंह, आशुलिपिक दिनेश वर्मा के साथ ही कुछ शिक्षकों की भूमिका संदिग्ध मानते हुए डीएम ने एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति को जांच सौंपी थी। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। इसके बाद बीएसए को निलंबित कर दिया गया। देवीपाटन मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक विनय मोहन वन ने बीएसए के निलंबन की पुष्टि की।
बीईओ पर पहले ही हो चुकी है कार्रवाई
वजीरगंज बीआरसी से वसूली का पर्चा वायरल होने के बाद खंड शिक्षाधिकारी ममता सिंह को निलंबित कर दिया गया था। लेखाकार विपिन श्रीवास्तव व प्रधानाध्यापक शिवशंकर सिंह को निलंबित करने के साथ ही तीनों पर मुकदमा कराया गया। इसकी जांच चल रही है।