आगरा : यूपी पुलिस की बड़ी कामयाबी: आगरा में परीक्षा से पहले CTET पेपर लीक होने का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम ,आगरा | रविवार को आयोजित हुई केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) का पेपर परीक्षा शुरू होने दो घंटे पहले आगरा में आ गया था। परीक्षा शुरू होने से करीब 38 मिनट पहले दो व्हाट्स ग्रुप पर सॉल्व पेपर वायरल किया गया। पुलिस ने एक कोचिंग संचालक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में तीन परीक्षार्थी हैं। जिन्होंने 50-50 हजार रुपये में पेपर बेचने का ठेका लिया था। सॉल्व पेपर प्रयागराज से तीन लाख रुपये में खरीदा गया था। बेचने वाले की तलाश में पुलिस टीम रवाना की गई है।एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीटेट परीक्षा रविवार को आगरा में 96 केंद्रों पर आयोजित हुई थी। करीब 50 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। सोमवार को जब वह अपने कार्यालय में बैठे थे, एक अभ्यर्थी उनसे मिलने पहुंचा। सीटेट का प्रश्न पत्र उन्हें दिखाया, जोकि उसे रविवार को परीक्षा कक्ष में मिला था। उसके बाद युवक ने व्हाट्स एप ग्रुप दिखाया। जिसमें सॉल्व पेपर परीक्षा शुरू होने से 38 मिनट पहले वायरल हो गया था। यह देखकर एसएसपी हैरान रह गए। पहली पाली की परीक्षा सुबह साढ़े नौ बजे से थी। व्हाट्स ग्रुप पर पेपर 8 बजकर 52 मिनट पर वायरल किया गया था।
कोचिंग संचालक के नंबर से वायरल
अभ्यर्थी ने बताया कि पेपर दो ग्रुप में वायरल किया गया। एक ग्रुप लड़कियों का और दूसरा लड़कों का। छानबीन में पता चला कि सीटेट का पेपर एपेक्स कैरियर कोचिंग के संचालक विकास शर्मा और शिक्षक प्रभात शर्मा के नंबर से वायरल किया गया था।यह कोचिंग लोहामंडी थाना क्षेत्र में है। अभ्यर्थी ने एसएसपी से अनुरोध किया कि पुलिस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई करें, मगर उसका नाम गोपनीय रखा जाए। एसएसपी ने पुलिस टीम गठित की। पुलिस ने दबिश देकर प्रभात और कोचिंग संचालक विकास शर्मा को पकड़ा। शिक्षक प्रभात ने बताया कि पेपर उसे व्हाट्स पर कोचिंग के छात्र कुलदीप ने भेजा था। पुलिस ने दबिश देकर कोचिंग के छात्र कुलदीप फौजदार, थान सिंह और मोहित यादव को हिरासत में ले लिया।
प्रयागराज से तीन लाख में खरीदा
आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि पेपर सबसे पहले अभ्यर्थी मोहित यादव के व्हाट्सएप पर सुबह की पाली की परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले आ गया था। मोहित ने पुलिस को बताया कि उसने तीन लाख रुपये में प्रयागराज से सॉल्व पेपर मंगाया था। इतनी रकम अपनी जेब से नहीं दे सकता था। इसलिए पेपर को वायरल कराया। दूसरे परीक्षार्थियों से सौदा किया। पेपर के नौ सेट भेजे गए थे। यह पेपर उसने अपने साथी अभ्यर्थी कुलदीप को दिया। कुलदीप ने पेपर एपेक्स कैरियर क्लास कोचिंग के शिक्षक प्रभात को दिया। उन्होंने कोचिंग संचालक के साथ मिलकर उसे वायरल किया। जिन्हें पेपर दिया गया उनसे पचास-पचास हजार रुपये में सौदा हुआ था। आगरा में एपेक्स क्लासेस कोचिंग सेंटर की चार ब्रांच हैं। उसकी गिरफ्तारी राजामंडी स्थित ब्रांच से हुई है।
प्रयागराज और एटा से जुड़े हैं तार
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीटेट का पेपर प्रयागराज से लीक हुआ था। सरगना वहां का निवासी बताया जा रहा है। गिरोह में दो युवक एटा के भी शामिल बताए गए हैं। पुलिस को उनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम भेजी गई हैं। आरोपियों के प्रयागराज में होने की सूचना मिली है।
मोबाइल जब्त, जांच में खुलेंगे राज
पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। दो व्हाट्स ग्रुप में करीब 100 लोग शामिल थे। इनके पास तो पेपर पहुंचा ही था। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने व्यक्तिगत रूप से भी परीक्षार्थियों को पेपर व्हाट्स एप पर वायरल किया था। हर कोई धंधे की जुगाड़ में लग गया था। एक परीक्षार्थी से पचास हजार रुपये जो मिलने थे।
परीक्षा समन्व्यक को दी जानकारी
सीटेट का पेपर आउट होने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को जेल भेजा है। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि उनके खिलाफ लोहामंडी थाने में धोखाधड़ी, आईटी एक्ट, यूपी परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया है। मुकदमे में इंस्पेक्टर लोहामंडी वादी बने हैं। इस मामले की गहराई से जांच जारी है। साइबर सेल को भी सुराग जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है।
मैनपुरी में पकड़ा गया था सॉल्वर
रविवार को आयोजित सीटेट परीक्षा में मैनपुरी में अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देते हुए ह्यमुन्नाभाईह्ण को पकड़ा गया था। छानबीन में खुलासा हुआ है कि उससे 50 हजार रुपये में पेपर देने का सौदा तय हुआ था। ह्यमुन्नाभाईह्ण को पकड़ने के बाद पुलिस ने अभ्यर्थी और बिचौलिये को भी गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने अपना नाम महेंद्र सिंह निवासी उत्तर नगर सैलई, सती रोड, थाना रामगढ़, फिरोजाबाद हाल निवासी इटावा रोड, बेवर बताया था। उसने सॉल्वर गैंग के सदस्यों के नाम भी बताए। यह भी बताया कि वह इटावा रोड बेवर निवासी राहुल वर्मा के स्थान पर परीक्षा देने आया था। पुलिस ने बिचौलिया अक्षय और अभ्यर्थी राहुल को भी गिरफ्तार कर लिया था। जबकि पुलिस ब्रजेश सोलंकी की तलाश कर रही है। गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं।
मोबाइल से डिलीट किया डाटा
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि कोचिंग संचालक विकास शर्मा से पूछताछ हुई तो उन्होंने बताया कि सीटेट का पेपर उन्हें प्रभात शर्मा से मिला था। जिसे उन्होंने व्हाट्स पर वायरल किया। एसएसपी ने बताया कि आरोपित ने अपने मोबाइल का डाटा डिलीट कर दिया था। उसे रिकवर कराया जाएगा। मोबाइल फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। कुलदीप फौजदार ने बताया कि पेपर उसे मोहित यादव ने दिया था। उसने तो इसे बेचकर पैसा कमाने का प्रयास किया था। चर्चा है कि रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद हो गया था। मामला पुलिस तक पहुंच गया।
नोडल सेंटर से छह बजे निकला था पेपर
पुलिस ने बताया कि परीक्षा के लिए हर जिले में एक नोडल सेंटर बनाया जाता है। वहां से सुबह छह बजे पेपर कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा केंद्रों पर भेजा जाता है। आशंका है कि किसी परीक्षा केंद्र से पेपर आउट किया गया है। इसलिए आगरा में परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले पेपर आया था। पेपर नोडल सेंटर से लीक होता तो रात में ही आ जाता। परीक्षा केंद्रों पर सुबह सात बजे पेपर पहुंचना शुरू हो गए थे।
प्रयागराज से पेपर सॉल्व गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा कि उसके पास पेपर कहां से आया था। इसे सॉल्व किसने किया। एक-दो नहीं पूरे नौ सेट लीक हुए थे। इसकी जानकारी परीक्षा समन्वयक को दी गई है।
बबलू कुमार, एसएसपी, आगरा