लखनऊ : निजी स्कूलों ने की प्राइमरी और जूनियर कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा की तैयारी
लखनऊ। शासन ने भले ही आठवीं तक के बच्चों की वार्षिक परीक्षा न कराने का निर्णय लिया हो, लेकिन निजी स्कूलों ने प्राइमरी, जूनियर कक्षाओं की परीक्षा कराने की ठान ली है। अभिभावकों को इसका शेड्यूल भी भेजा जा चुका है। वहीं, कुछ स्कूलों ने तो परीक्षा शुरू भी कर दी। निजी स्कूलों के बच्चों का मूल्यांकन का तरीका अलग-अलग है। अधिकतर स्कूल कक्षा छह से आठ तक के बच्चों की ऑफलाइन परीक्षा लेंगे। वे पुराने पैटर्न पर ही परीक्षा कराने जा रहे हैं। वहीं, प्राइमरी बच्चों के लिए ऑनलाइन मौखिक और लिखित दोनों परीक्षा पर जोर दिया जा रहा है।
पूछे जाएंगे वैकल्पिक सवाल
वरदान इंटरनेशनल एकेडमी की प्रधानाचार्या ऋचा खन्ना ने बताया कि पांचवीं तक के बच्चों का मौखिक टेस्ट लिया जा चुका है। इससे उनकी याद करने व प पढ़ने की क्षमता का आकलन किया गया। अब लिखित परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे। पेपर छोटा होगा और व्हाट्सएप से भेजा जाएगा। कक्षा छह से आठ तक के बच्चों की ऑफलाइन परीक्षा होगी।
पेपर शीट पर ली जा रही परीक्षा
पॉयनियर मांटेसरी इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या शर्मिला सिंह ने बताया कि पांचवीं तक के छात्रों की वार्षिक परीक्षा ऑनलाइन शुरू हो गई है। कॉनफरेंस कॉल कर बच्चों को पेपर समझा दिया जाता है, जब वे तैयार हो जाते हैं तो पेपर भेजा जाता है। निर्धारित समय में एग्जाम खत्म कर कॉपी की फोटो भेजनी होती है। अभिभावक दो-तीन दिन बाद स्कूल आकर कॉपी जमा कर जाते हैं। कक्षा छह से आठ तक के बच्चों की ऑफलाइन परीक्षा ली जा रही है।
गूगल फॉर्म पर ऑनलाइन
अवध कॉलेजिएट की निदेशिका जतिंदर वालिया ने बताया कि प्राइमरी कक्षाएं शुरू हो गई हैं तो रिवीजन भी शुरू कर दिया गया है। इस दौरान बच्चों का मौखिक तरीके से मूल्यांकन किया जा रहा है। बाद में लिखित परीक्षा होगी। ऑनलाइन परीक्षा गूगल फॉर्म पर होगी। छह से आठ तक के बच्चों की ऑफलाइन परीक्षा होगी।
साल भर की गतिविधियों से मूल्यांकन
जीडी गोएनका पब्लिक स्कूल के चेयरमैन सर्वेश गोयल ने बताया कि साल भर की ऑनलाइन शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों के आधार पर मूल्यांकन किया जा रहा है। बच्चों को दिए असाइनमेंट, विषय आधारित बौद्घिक क्षमता, स्किल बिल्डिंग गतिविधियों में परफॉरमेंस देखी जाएगी। इस बार दिए गए प्रोजेक्ट वर्क पर विशेष वेटेज मिलेगा।