महराजगंज : प्रधानाध्यापक की टूटी सांस, परेशानी की भंवर में फंसा परिवार
पनियरा। विनोद निषाद
पनियरा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बिन्दवलिया के प्रधानाध्यापक मुक्तेश्वर प्रसाद (49) मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाए थे। परिवार में भाई-बहनों के अलावा पत्नी व बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे थे। कभी किसी को तकलीफ नहीं होने दी। परिवार खुशहाली पूर्वक जिंदगी बिता रहा था। लेकिन पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण से लौटने के बाद वह बीमार हो गए। 16 अप्रैल को जांच में कोरोना संक्रमित हो गए। बेहतर इलाज के लिए परिजन कोविड हॉस्पिटल से लेकर गोरखपुर के निजी हास्पिटल में इलाज कराया। ऑक्सीजन की कमी देख फिर कोविड हॉस्पिटल महराजगंज लाए, जहां उनकी मौत हो गई। उनके निधन के बाद परिवार परेशानियों के भंवर में फंस गया है। जमा-पूंजी इलाज में खर्च हो गई। अब घर-गृहस्थी चलाने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ रहा है।
पनियरा क्षेत्र के बिन्दवलिया गांव के रहने वाले मुक्तेश्वर प्रसाद के मुक्तेश्वर के माता-पिता दोनों अध्यापक थे। सेवानिवृत्ति के बाद पिता का देहांत हुआ था। ड्यूटी के दौरान मां की भी मृत्यु हो गई। छह भाई व छह बहन में सबसे बड़े होने की वजह से मां के निधन पर मुक्तेश्वर प्रसाद को मृतक आश्रित कोटे से वर्ष 1997 में अध्यापक पद पर नियुक्ति मिली। मौजूदा समय में वह गांव के ही प्राथमिक विद्यालय पर प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत थे। परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए मुक्तेश्वर प्रसाद तीन भाई व चार बहनों की शादी कर चुके थे। तीन भाई व दो बहन की अभी शादी नहीं हुई है। उनको पढ़ा लिखा रहे थे। बाकी इन्हीं की देखरेख में पढ़ रहे थे। परिवार में पत्नी रीना कन्नौजिया के अलावा बड़ा बेटा सूर्य प्रताप 1(9)व बेटी सुप्रिया 17 साल की है। अब परिजन आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार की मदद का इंतजार है।
मददगार हाथ
शिक्षकों ने किया आर्थिक सहयोग, सरकार की मदद बाकी
मुक्तेश्वर प्रसाद की पत्नी रीना कन्नौजिया ने बताया कि 16 अप्रैल को कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद जिला मुख्यालय के कोविड हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया था। दो दिन तक वहां इलाज चला। इसके बाद गोरखपुर के प्राइवेअ अस्पताल में भर्ती कराया गया। 26 अप्रैल को ऑक्सीजन नहीं मिलने पर उनको फिर से जिला अस्पताल के कोविड हास्पीटल में दोबारा भर्ती कराया गया। 30 अप्रैल को सवा नौ बजे निधन हो गया। पत्नी के मुताबिक मुक्तेश्वर प्रसाद के इलाज पर तीन लाख खर्च हो गए। अब सेलरी आनी बंद हो गई है। परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। शिक्षक साथियों ने कुछ आर्थिक मदद किया था। जो बुरे वक्त में काम आया। सरकारी मदद अभी नहीं मिली है। इसके लिए पत्रावली को पूरा कराया जा रहा है।
अवरोध
उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाने में कई बार आया गतिरोध
प्रधानाध्यापक की पत्नी रीना ने बताया कि पेंशन, ग्रेच्युटी व अन्य देयकों के भुगतान के लिए परिवार रजिस्टर का नकल, मृत्यु प्रमाण पत्र, वारिस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लंबी भागदौड़ करनी पड़ी। कभी लेखपाल समय से नहीं मिलते थे तो कभी राजस्व निरीक्षक। परेशानियों के बीच मददगार लोगों की कोशिश के चलते उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बन गया है। अब विभाग में पत्रावली जमा करने की तैयारी चल रही है।
हिन्दुस्तान का साथ
हिन्दुस्तान का साथ, जल्द पूरी होगी प्रक्रिया
पनियरा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बिन्दवलिया के दिवंगत प्रधानाध्यापक मुक्तेश्वर प्रसाद के आश्रितों की समस्या पर बीएसए ओपी यादव का कहना है कि बीईओ के माध्यम से विभाग परिवार के सम्पर्क में है। जैसे ही पत्रावली बीआरसी से कार्यालय पर आएगी सभी जांच-पड़ताल अतिशीघ्र पूरी कराकर शासन की अनुमन्य सभी योजना का लाभ दिलाया जाएगा। शासनादेश के मुताबिक नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। विभागीय स्तर पर आश्रितों को परेशानी नहीं होगी। हर संभव मदद की जाएगी।