वाराणसी : एक दूसरे को पढ़ाकर बीएड के छात्र कर रहे इंटर्नशिप
वाराणसी ब्यूरो:कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद होने से बीएड छात्रों की इंटर्नशिप फंस गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा बीएड में इंटर्नशिप अनिवार्य करने के कारण बिना इंटर्नशिप प्र्रमाणपत्र के परिणाम जारी नहीं हो रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों में छात्र एक-दूसरे को पढ़ाकर इंटर्नशिप की प्रक्रिया को पूर्ण कर रहे हैं।बीएड, बीटीसी-डीएलएड प्रशिक्षुओं को पढ़ाई के दौरान ही कक्षा एक से 8 तक के सरकारी स्कूलों में इंटर्नशिप करने का मौका दिया जाता है। प्रशिक्षु बच्चों को पढ़ाने जाते हैं, जिन्हें वहां पर तैनात प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों से शिक्षण से जुड़े टिप्स लेते हैं और सीखते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को माइक्रोटीचिंग के रूप में जाना जाता है। स्कूल बंदी के कारण छात्रों के सामने भी संकट खड़े हो गए हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के बीएड विभाग अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि स्कूल बंदी होने के कारण बीएड के छात्रों को इस वर्ष आनलाइन टीचिंग कराने का निर्देश दिया गया था। विश्वविद्यालय ही नहीं संबद्ध कालेजों के बीएड के छात्रों ने इस वर्ष ऑनलाइन टीचिंग की है। इसके आधार पर बीएड के छात्रों को अंक देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं इंटर्नशिप के लिए बीएड के छात्रों को एक दूसरे को पढ़ाने का अभ्यास विश्वविद्यालय में ही कराया जा रहा है। इसके तहत क्लास में बीएड के छात्रों बारी-बारी से एक पीरियड क्लास प्रतिदिन दिया जा रहा है। ताकि इंटर्नशिप हो सके। उन्होंने कहा कि जैसे ही स्कूल खुलेंगे इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। हालांकि अभी विकल्प के तौर पर एक-दूसरे को पढ़ाकर इंटर्नशिप कराया जा रहा है ताकि उनकी डिग्री न फंसे।